देश के अलग-अलग हिस्सों से आवारा कुत्तों द्वारा काटे जाने के मामले इन दिनों चर्चा में हैं। लगातार कई ऐसे मामले दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में भी देखने को मिले हैं, जहां कई बार पालतू कुत्ते ने तो कई बार आवारा कुत्तों ने किसी को काट लिया। गाजियाबाद में कुत्ते द्वारा काटे जाने के कारण बीते दिनों एक मासूम की मौत भी हो गई थी। इसी कड़ी में अब कुत्तों द्वारा काटे जाने का मामला कोर्ट पहुंच चुका है। दरअसल पालतू एवं निराश्रित कुत्तों द्वारा बच्चों को काटे जाने की घटनाओं के मद्देनजर मानवाधिकार कार्यकर्ता विष्णु कुमार गुप्ता की जनहित याचिका दायर पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने गाजियाबाद के जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर एवं नगर आयुक्त से तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
कुत्ते काटने का मामला पहुंचा कोर्ट
मानवाधिकार कार्यकर्ता एंव वकील विष्णु कुमार गुप्ता का कहना है कि कुत्तों के काटे जाने से मानव जीवन को भारी नुकसान हो रहा है। पूर्व में गाजियाबाद में एक बच्चे की कुत्ते के काटने के कारण दर्दनाक मौत हो गई थी। इस बाबत प्रभावी नीति बनाना अति आवश्यक है। वकील गुप्ता ने इस बाबत प्रभावी नीति बनाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा पहले भी आयोग को एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इस बाबत जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं नगर आयुक्त गाजियाबाद को नोटिस भेज कर रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट ना भेजे जाने पर आयोग ने इस बाबत नाराजगी व्यक्त की है।
कहां-कहां हुई कुत्ते द्वारा काटने की घटनाएं
बता दें कि 3 सितंबर 2022 को संजय नगर सेक्टर 23 के पार्क में पिटबुल कुत्ते ने एक 10 वर्ष के बच्चे पर हमला कर दिया था। इस दौरान घायल बच्चे की ढाई घंटे तक सर्जरी चली, जिसमें उसे 150 टांके लगाए गए थे। 5 सितंबर 2022 को राजनगर एक्सटेंशन की चामर्स कैंसिल सोसाइटी की लिफ्ट में कुत्ते ने बच्चे पर हमला कर दिया। 5 सितंबर 2022 को ही जीटी रोड स्थित कीर्तन वाली गली में 13 साल के बच्चे को कुत्ते ने काट लिया था। वहीं लोनी में पिटबुल ब्रीड के कुत्ते ने एक बच्ची के कान को काटकर अलग कर दिया था। लड़की के इलाज में लगभग 4-6 लाख रुपये का खर्च आया था।