Saturday, November 16, 2024
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कभी गाड़ी, तो कभी पलट गई बाइक और हो गया खेल, असद अहमद से लेकर विकास दुबे तक चर्चित एनकाउंटर पर एक नजर

यूपी में हाल के दिनों में पुलिस के साथ मुठभेड़ की घटनाएं सुर्खियों में रही हैं और समाजवादी पार्टी समेत विभिन्न विपक्षी पार्टियों इस तरह की घटनाओं को लेकर सवाल भी उठाती रही हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के 25 मार्च 2022 को दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद से पुलिस के साथ मुठभेड़ की घटनाओं में 51 अपराधी मारे जा चुके हैं।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: October 18, 2024 9:07 IST
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Image Source : FILE PHOTO असद अहमद और विकास दुबे का एनकाउंटर

यूपी के बहराइच में सांप्रदायिक तनाव फैलाने और 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की हत्या के आरोपी 5 लोगों को गुरुवार को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किये जाने की घटना ने योगी आदित्यनाथ सरकार में पुलिस द्वारा अंजाम दी गई मुठभेड़ की घटनाओं की तरफ एक बार फिर से ध्यान खींचा है। बहराइच में 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय की इबादतगाह के बाहर तेज आवाज में संगीत बजाने को लेकर हुए विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया, जिसमें रामगोपाल मिश्रा नाम के युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में गुरुवार को 5 आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया और उनमें से दो के पैर में गोली लगी है।

CM योगी के दूसरे कार्यकाल में अब तक 51 अपराधियों का खात्मा

यूपी में हाल के दिनों में पुलिस के साथ मुठभेड़ की घटनाएं सुर्खियों में रही हैं और समाजवादी पार्टी समेत विभिन्न विपक्षी पार्टियों इस तरह की घटनाओं को लेकर सवाल भी उठाती रही हैं। उत्तर प्रदेश में पुलिस के साथ मुठभेड़ की घटनाएं नई नहीं हैं हालांकि ऐसी कुछ घटनाएं विभिन्न कारणों से दूसरी मुठभेड़ की तुलना में लंबे समय तक लोगों के जहन में बनी रहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 25 मार्च 2022 को दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद से पुलिस के साथ मुठभेड़ की घटनाओं में लगभग 51 अपराधी मारे जा चुके हैं, जिनमें से कुछ चर्चित मुठभेड़ इस प्रकार हैं-

  1. विकास दुबे- कानपुर देहात में गैंगस्टर विकास दुबे को दो-तीन जुलाई 2020 की दरमियानी रात एक पुलिस उपाधीक्षक सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के कुछ दिनों बाद 10 जुलाई को विशेष कार्य बल के साथ हुई कथित मुठभेड़ में गोली मार दी गई थी। इस सनसनीखेज मुठभेड़ ने पुलिस की ‘गाड़ी पलट गई’ की कहानी के लिए भी सुर्खियां बटोरी थीं। पुलिस के अनुसार, जिस वाहन में दुबे को उज्जैन से कानपुर ले जाया जा रहा था वह दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद पलट गया था। उसके बाद आरोपी ने ‘भागने’ की कोशिश की और पुलिस द्वारा की गई जवाबी गोलीबारी में उसे गोली लग गयी थी।
  2. मंगेश यादव- जौनपुर के रहने वाले मंगेश यादव की पांच सितंबर 2024 को सुल्तानपुर में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई थी। सुल्तानपुर में एक सर्राफा व्यवसाय की दुकान से डेढ़ करोड़ रुपये के जेवर लूटे जाने के मामले में आरोपी यादव की पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मौत हो गई थी, जिसके बाद विपक्षी दलों, खासकर समाजवादी पार्टी ने पुलिस पर भाजपा सरकार के इशारे पर चुनिंदा ‘जाति’ के लोगों की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया। हालांकि सत्तारूढ़ भाजपा ने इस आरोप का तुरंत खंडन किया। मंगेश की हत्या के तुरंत बाद, उसी डकैती मामले में एक अन्य आरोपी अनुज प्रताप सिंह भी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि चीजों को ‘संतुलित’ करने के लिए एक ‘ठाकुर’ को मुठभेड़ में मार दिया गया।
  3. असद अहमद- माफिया से नेता बने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद की मुठभेड़ में हुई मौत ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। असद अहमद और गुलाम अप्रैल 2023 में झांसी में मारे गए थे। यूपी एसटीएफ ने बाइक पर हुलिया बदल कर भाग रहे असद और गुलाम को जिंदा पकड़ने की हर मुमकिन कोशिश की थी। असद बाइक भगा रहा था और पीछे बैठे गुलाम ने एसटीएफ पर पहली गोली दागी। चेतावनी के बाद भी वो न माने और उनकी तरफ से दनादन गोलियां चलाईं जा रही थीं। फिर क्या, गोलीबारी का जवाब गोली से दिया गया। 42 राउंड की फायरिंग के बाद तीन गोलियां यूपी एसटीएफ की बंदूकों से निकलीं और असद के साथ गुलाम का सीना चीर गईं. ये दोनों कुख्यात बाइक समेत जमीन पर धरासाई हो गए।

असद पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस के साथ मुठभेड़ में उसकी मौत पर राजनेताओं ने अलग-अलग रुख अपनाया। कुछ लोगों ने कार्रवाई को सही ठहराया तो कुछ ने इस पर सवाल उठाए। इस बीच, आंकड़ों पर नजर डालने से पता चला कि योगी सरकार के पहले कार्यकाल की तुलना में दूसरे कार्यकाल में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ की घटनाओं में कम मौतें हुई हैं। योगी के पहले कार्यकाल में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ की घटनाओं में 158 अपराधी मारे गए थे।

बहराइच एनकाउंटर पर कांग्रेस-सपा ने उठाए सवाल

बहराइच में गुरुवार को हुई मुठभेड़ के बाद विपक्षी दलों कांग्रेस और सपा ने राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा और पुलिस कार्रवाई की सत्यता पर सवाल उठाए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लखनऊ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए राज्य पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए और भाजपा सरकार पर पुलिस को ‘खराब’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब भी जांच होगी, दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और वे जेल जाएंगे। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा, “यह पड़ोसी जिले का मामला है। आप मुझसे बेहतर जानते होंगे कि यह घटना (बहराइच हिंसा) कराई गई है।” कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख अजय राय ने कहा, “इस मुठभेड़ की प्रामाणिकता पहले की मुठभेड़ों की तरह संदिग्ध है। ये मुठभेड़ लोगों का ध्यान भटकाने के लिए महज दिखावा करने वाली हरकतें लगती हैं।” (भाषा इनपुट्स के साथ)

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