नोएडा में जिंदगी की परेशानियों से हताश होकर युवती सहित चार लोगों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, जिस कारण आत्महत्या की वजह का पता नहीं चल पाया है। मूलरूप से ओडिशा निवासी अमृता अपनी तीन बहनों के साथ बरौला गांव में किराए पर रह रही थी। अमृता एक निजी कंपनी में नौकरी करती थी। रविवार शाम जब उसकी बहनें घर पहुंची तो वह फांसी के फंदे पर लटकी हुई थी। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची थाना सेक्टर-49 पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। प्रारंभिक जांच में पिछले कुछ दिनों से अमृता के डिप्रेशन में होने की बात सामने आई है।
2. दूसरे मामले में थाना फेस-1 क्षेत्र के सेक्टर-10 स्थित जेजे कॉलोनी में रहने वाले प्रवेश ने अपने घर में फांसी लगा ली। प्रवेश को फांसी के फंदे पर लटका देखकर परिजन ने उसे नीचे उतारा और अस्पताल लेकर पहुंचे। जांच के उपरांत चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।
3. तीसरे मामले में ग्रेटर नोएडा के थाना बीटा-2 क्षेत्र के जेपी सोसाइटी में रहने वाले धर्मेंद्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। धर्मेंद्र मूल रूप से ललितपुर का रहने वाला था। वह एक कैटरर के यहां काम करता था। मृतक के परिजनों को हादसे की सूचना दे दी गई है।
4. चौथे मामले में थाना सेक्टर-58 क्षेत्र के फोर्टिस अस्पताल लाए गए योगेश चौरसिया को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। थाना प्रभारी के मुताबिक योगेश चौरसिया ने अपने घर में फांसी लगा ली थी। योगेश चौरसिया आम्रपाली रॉयल वैभव सोसाइटी में रहता था। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि ज्यादातर केस डिप्रेशन और मानसिक रूप से परेशान लोगों के ही सामने आते हैं।
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