Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. उत्तर प्रदेश
  3. यूपी में चल रहा था फर्जी बैंक, 8 जिलों में खुल गई थीं 38 ब्रांच, पूरा मामला जानकर उड़ जाएंगे होश

यूपी में चल रहा था फर्जी बैंक, 8 जिलों में खुल गई थीं 38 ब्रांच, पूरा मामला जानकर उड़ जाएंगे होश

उत्तर प्रदेश पुलिस ने बहुत बड़ी धोखाधड़ी का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने यूपी के 8 जिलों में फर्जी बैंक की 38 शाखाएं चलाने वाले एक गिरोह का पदार्फाश किया है।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Updated on: May 21, 2023 11:45 IST
उत्तर प्रदेश के 8 जिलों में चल रहा था फर्जी बैंक- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE उत्तर प्रदेश के 8 जिलों में चल रहा था फर्जी बैंक

उत्तर प्रदेश पुलिस ने बहुत बड़ी धोखाधड़ी का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने यूपी के 8 जिलों में फर्जी बैंक की 38 शाखाएं चलाने वाले एक गिरोह का पदार्फाश किया है। इस मामले में मास्टरमाइंड समेत तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इस गिरोह के सदस्य आकर्षक रिटर्न की पेशकश कर ग्राहकों को अपने 'बैंक' में खाता खोलने का लालच देते थे। ऐसा करके ये गिरोह अब तक सैकड़ों भोले-भाले लोगों से 17 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं।

कई हजार 'बैंक' खातों के जरिए करोड़ों ठगे

भदोही के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अनिल कुमार ने कहा, "ज्ञानपुर थाने, क्राइम ब्रांच और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने जौनपुर के मुरारी कुमार निषाद, सोनभद्र के अशोक कुमार और रमेश जायसवाल को गिरफ्तार किया है। अब तक हमें 38 लोगों की डिटेल मिल चुकी है।" राज्य के आठ जिलों में 'BSMJ क्वासी बैंक' के नाम से शाखाएं संचालित थीं। साथ ही कई हजार 'बैंक' खातों के जरिए 17 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का ब्योरा सामने आया है। पुलिस ने बताया कि गिरोह का सरगना मुरारी है।

जालसाजों के पास पुलिस को क्या-क्या मिला 
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, जहां मुरारी और अशोक ने खुद को 'बैंक' के प्रबंध निदेशक के रूप में पेश किया, वहीं रमेश ने शाखा प्रबंधक की भूमिका निभाई। पुलिस ने जालसाजों के पास से तीन कार, तीन लैपटॉप, 36 हजार रुपये, डेस्कटॉप कंप्यूटर, 53 स्टांप, 70 रजिस्टर, 618 पासबुक और 67.25 लाख रुपये के कई अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। कुमार ने कहा कि फर्जी 'बैंक' भदोही पुलिस के राडार पर तब आया जब 'बैंक' के अधिकारियों ने विभिन्न योजनाओं की परिपक्वता राशि का भुगतान बंद कर दिया और पुलिस के पास शिकायतें आने लगी।

कैसे हुआ फर्जी बैंक का खुलासा
एसपी ने कहा, जब शिकायतें बढ़ने लगीं, तो एक विशेष जांच दल का गठन किया गया, जिसने भारत सरकार के कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, रजिस्ट्रार चिट्स और फंड और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ परामर्श करके बैंक की साख की जांच की। यह स्पष्ट होने के बाद कि इस बैंक को फर्जी तरीके से संचालित किया जा रहा है, इसे शुरू करने और संचालित करने में शामिल व्यक्तियों का विवरण एकत्र किया गया। यह कवायद तीन महीने चली और मुरारी, अशोक और रमेश की गिरफ्तारी के साथ समाप्त हुई।

कैसे करते थे फर्जी बैंक को संचालित
पूर्वी यूपी के आठ जिलों के अलावा, जहां उनकी 38 शाखाएं थीं, उन्होंने झारखंड और अन्य पड़ोसी राज्यों के दूरदराज के इलाकों में निर्दोष लोगों को भी निशाना बनाया। गिरोह न केवल लोगों को निवेश के लिए राजी करने के लिए एजेंटों को नियुक्त करता था, बल्कि नियमित बैंकों की तरह उचित व्यवस्था में अपनी शाखाओं का संचालन भी करता था। वे आकर्षक प्रस्ताव देकर अपनी योजनाओं की परिपक्वता राशि का भुगतान करते थे, लेकिन एक बार यह सुनिश्चित करने के बाद कि किसी विशेष स्थान पर कोई नया खाता नहीं खोला जा रहा है, वे शाखा को बंद कर देते थे और भाग जाते थे।

पुलिस ने कहा कि किंगपिन मुरारी ने दो महिलाओं से शादी की है, जो आलीशान घरों में रहती है और महंगी कारों से चलती हैं। गिरोह के सदस्यों के सभी बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया भी चल रही है।

ये भी पढ़ें-

त्र्यंबकेश्वर मंदिर विवाद पर भड़के राज ठाकरे, कहा- इतना कमजोर नहीं है हिंदू धर्म कि भ्रष्ट हो जाए

बाइडेन ने मोदी की अलग अंदाज में की तारीफ, कहा- ये मजाक नहीं... आप मेरे लिए सच में सिरदर्द बन रहे
 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें उत्तर प्रदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement