उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैदान में हैं। इस सीट से मुलायम सिंह 5 बार सांसद रहे हैं। फिलहाल उनकी बहू और अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव यहां से सांसद हैं और इस बार भी अपना गढ़ बचाने की कवायद में जुटी हैं। डिंपल यादव को फिर संसद पहुंचाने की समाजवादी पार्टी की स्ट्रेटजी क्या है? अपनी जीत को लेकर कितनी कॉन्फिडेंट हैं डिंपल और परिवारवाद के आरोपों पर उनका क्या स्टैंड हैं? इन मुद्दों पर डिंपल यादव ने आज India TV से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने तमाम सवालों के जवाब दिए।
'जनता BJP को हटाने को तैयार'
इस दौरान विपक्ष पर निशाना साधते हुए डिंपल ने कहा कि इस बार जनता BJP को हटाने को तैयार है। लोगों का साथ और भरपूर समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा, '' 10 साल में लोगों के जीवन में कोई बदलाव नहीं आया है। बीजेपी सरकार ने अपना कोई वादा पूरा नहीं किया। मौजूदा सरकार में जनता प्रताड़ित महसूस कर रही है इसलिए जनता ने बीजेपी को हटाने का मन बना लिया है।''
'परिवारवाद पर BJP अपने गिरेबान में झांके'
बीजेपी द्वारा सपा पर परिवारवाद के आरोप लगाए जाते हैं जिस पर डिंपल ने कहा, ''देश में लोकतंत्र है, यहां कोई भी चुनाव लड़ सकता है। परिवारवाद के मुद्दे पर BJP अपना आकलन करे। बीजेपी का गठजोड़ परिवारवादी पार्टियों के साथ है इसलिए परिवारवाद पर बीजेपी पहले अपने गिरेबान में झांके।'' साथ ही अयोध्या में रामलला के दर्शन करने को लेकर सपा उम्मीदवार ने कहा कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता नहीं मिला था। उन्होंने कहा, ''जब भगवान बुलाते हैं, इंसान तब मंदिर पहुंचता है। जब भगवान बुलाएंगे तब हम अयोध्या जाएंगे। भगवान के दर्शन किसी के दबाव में नहीं होते।''
'BJP ने 200-300 करोड़ का चंदा लिया'
वहीं, इलेक्टोरल बॉन्ड का जिक्र करते हुए डिंपल ने कहा कि देश में बीजेपी ने लूट और भ्रष्टाचार फैलाया है। भ्रष्टाचारियों को अपनी पार्टी में शामिल किया। उन्होंने कहा, बीजेपी ने इलेरक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से 200-300 करोड़ का चंदा लिया। आगे उन्होंने कहा, देश में बेरोजगारी इस समय सबसे बड़ा मुद्दा है। बेरोजगारी के चलते देश का भविष्य अंधेरे में है। ये चुनाव लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है। देशभर में दबाव की राजनीति चल रही है और संविधान से मिले अधिकारों पर खतरा है।
'मैनपुरी से मुलायम सिंह का अटूट रिश्ता'
मुलायम सिंह यादव का जिक्र करते हुए डिंपल ने कहा, ''मुलायम सिंह बेहद संवेदनशील नेता थे। लोगों से उनका भावनात्मक रिश्ता था और खास तौर पर मैनपुरी से तो उनका अटूट रिश्ता था। वह लोगों की परेशानी में उनके साथ खड़े होते थे।'' वहीं, राजनीति में अपनी एंट्री को लेकर मैनपुरी उम्मीदवार ने कहा, ''शादी से पहले राजनीति में दिलचस्पी नहीं थी। अब पार्टी के निर्देश पर काम कर रही हूं। राजनीति में अभी भी बहुत कुछ सीख रही हूं।''
बता दें कि यूपी की मैनपुरी सीट पर तीसरे चरण में चुनाव होगा, जिसके लिए 7 मई को मतदान होगा।
यह भी पढ़ें-
'बताएं आपका पीएम उम्मीदवार कौन है?' INDI अलायंस को अमित शाह की चुनौती