Wednesday, January 01, 2025
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कन्नौज में खुद को जिंदा घोषित करने के लिए डीएम के पास पहुंचा बुजुर्ग, 8 साल से लगा रहा अधिकारियों का चक्कर

हरनाथ की कहानी हिंदी फिल्म चला मुसद्दी दफ़्तर दफ़्तर से मिलती जुलती है। अब देखने बाली बात यह होगी कि डीएम कन्नौज शुभ्रांत शुक्ला क्या इस पीड़ित को कब तक पुनः जिंदा करवा पाएंगे या कागजों में मृत हरनाथ सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटता रहेगा।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : Jan 01, 2025 9:10 IST, Updated : Jan 01, 2025 9:13 IST
हरनाथ पाल
Image Source : INDIA TV हरनाथ पाल

कन्नौज। तीन साल पहले आई बालीवुड फिल्म 'Kaagaz' सिस्टम से परेशान एक ऐसे जिंदा आदमी की कहानी है, जिसे सरकारी कागजों में मृत बता दिया गया। फिल्मी पटकथा की तरह एक किसान के साथ भी हो रहा है। सरकारी कागजों में मृतक ग्रामीण आठ साल से चिल्ला-चिल्ला कर कह रहा है कि वह जीवित है। बुजुर्ग खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है और समस्या जस की तस है। इसकी वजह से किसी योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। 

2016 से खुद को जीवित करने की कोशिश कर रहे हरनाथ

जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर तिर्वा तहसील क्षेत्र के गांव वाहिदपुर मौजा सौसरी निवासी हरनाथ पाल (60)  को सरकारी कागजात में मृत दर्शा दिया गया है। वह सरकारी दफ्तर में किसी काम के लिए जाते हैं तो मृतक बता फाइल बंद कर दी जाती है। वह 2016-17 से अपने को जीवित सावित करने के लिये जिले से लेकर तहसील स्तर पर अधिकारियों के चक्कर काट चुके हैं। 

बाबुओं ने सिर्फ अश्वासन दिया

कई बाबुओं ने तो उसे यह भी अश्वासन दे दिया कि तुम उस ऑफिस जाओ आप को जीवित कर दिया गया है। इसके बाद वह किसान सम्मान निधि का आवेदन लेकर पहुंचा तो वहां भी उसे मृतक घोषित कर सम्मान निधि से वंचित कर दिया गया। आवेदन को निरस्त कर दिया गया। इस के चलते वह अपने को जीवित साबित करने का प्रयास कर रहे हैं। 

डीएम के पास पहुंचा बुजुर्ग

कलेक्ट्रेट पहुंचे हरनाथ पाल ने इस संबंध में जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ला को शिकायती पत्र देकर खुद को जीवित घोषित किये जाने की मांग की है। शिकायती पत्र में उसने कहा कि 2016-17 में उसे सरकारी कागजात में मृत दिखा दिया गया। जबकि वह जिंदा हैं। उन्होंने लिखा कि किसान सम्मान निधि पाने के लिये आवेदन किया था। सभी किसानों के रुपये आये पर उसके रुपया नहीं आया। 

इस पर वह संबंधित कार्यालय कृषि भवन पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि आवेदन में आप मृत हो। पहले इसे सही कराओ। इस पर वह तहसील पहुंचे जहां बोला गया कि आपके कागजात को सही कर दिया गया है। इस के बाद वह फिर संबंधित कार्यालय गए लेकिन लाभ नहीं मिला। 

किसान को नहीं मिल रहा कोई सरकारी लाभ

पीड़ित किसान ने कहा कि उसे आज तक कोई सरकारी लाभ नहीं दिया गया है। शायद इस के पीछे यही वजह रही कि उसे मृत घोषित कर दिया गया है। पीड़ित किसान ने जिलाधिकारी से मांग की है कि इसमें जो भी दोषी हों उनके खिलाफ कार्रवाई की जाये। जिससे उसे सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। 

(कन्नौज से सुरजीत कुशवाहा की रिपोर्ट)

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