लखनऊ: यूपी सरकार प्रदूषण कम करते हुए बेहतर आवागमन के लिए कई डबल डेकर बसों समेत इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू करने की तैयारी कर रही है। आगामी नवरात्रि के दौरान राजधानी लखनऊ में डबल डेकर बसों का परिचालन शुरू हो जाएगा। इस बस में एक बार में 65 यात्री बैठ सकेंगे। राज्य के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया, "हम नवरात्रि के दौरान लखनऊ में डबल डेकर बसों का संचालन शुरू करेंगे। हमने पहले ही लगभग 100 बसों की निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली है, जिसमें 65 यात्रियों की क्षमता वाली डबल डेकर बसें भी शामिल हैं। 100 बसों के शुरुआती बेड़े के संचालन के बाद, हम इतनी ही और बसें शुरू करेंगे।" मंत्री ने कहा कि डबल डेकर बसें सबसे पहले नवरात्रि (अक्टूबर के पहले सप्ताह) से लखनऊ में चलेंगी और बाद में इस सुविधा का विस्तार राज्य के अन्य प्रमुख जिलों में किया जाएगा। किराया मूल्य निर्धारण के बारे में उन्होंने कहा कि टिकटों को किफायती बनाने के लिए चर्चा जारी है।
इंटरसिटी इलेक्ट्रिक बसों पर चल रहा काम
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह कहा कि इंटरसिटी इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की भी तैयारी की जा रही है और अगले साल कुंभ मेले के दौरान उनका उपयोग किए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य दिसंबर से पहले इन सभी कामकाज को पूरा है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि डबल-डेकर मॉडल समेत इलेक्ट्रिक बसें कुंभ से पहले तैयार हो जाएं।" कुंभ मेला अगले साल 12 जनवरी से शुरू होगा। इन सभी बसों की आपूर्ति के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, "हमने निविदाएं जारी कर दी हैं और जहां से हमें सबसे अच्छे प्रस्ताव मिलेंगे, हम वहां से खरीद लेंगे।" लखनऊ में आगंतुकों के लिए पर्यटन की सुविधा को देखते हुए डबल डेकर बसें चलाने का विचार आया है। उन्होंने कहा, "पर्यटक एक ही टिकट खरीदकर शहर के विभिन्न स्थलों जैसे भूल-भुलैया, रेजीडेंसी और चिड़ियाघर को देख सकते हैं और ऊपरी डेक से दृश्य का आनंद ले सकते हैं।" इन इलेक्ट्रिक बसों की एक मुख्य विशेषता यह होगी कि इनसे प्रदूषण में कमी आएगी। उन्होंने कहा, "इलेक्ट्रिक बसों की मुख्य विशेषता यह है कि ये प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगी और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करेंगी।"
बनाए जाएंगे चार्जिंग नेटवर्क
उन्होंने यह भी कहा कि एक मजबूत चार्जिंग नेटवर्क सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं। सिंह ने कहा, "सरकार ने पेट्रोल पंप, बस स्टैंड और डिपो समेत लगभग 2,000 स्थानों की पहचान की है, जहां चार्जिंग सुविधाएं स्थापित की जाएंगी।" उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के एक अधिकारी ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों से पारंपरिक डीजल-संचालित बसों की तुलना में कई लाभ होंगे, जैसे कि कम उत्सर्जन, कम परिचालन लागत और यात्रियों के लिए अधिक शांत, अधिक आरामदायक यात्रा सुविधा आदि। अधिकारी ने बताया कि राज्य के सार्वजनिक परिवहन के पास फिलहाल लगभग 11,500 बसें हैं। इन बसों से 43.29 करोड़ से अधिक लोगों की यात्रा जरूरतें पूरी होती हैं और सालाना 4,473.70 करोड़ रुपये से अधिक की आय होती है। (इनपुट- एजेंसी)
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