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‘पहचान छिपाकर दुकान न खोलें’, कांवड़ यात्रा के रास्ते में पड़ने वाले दुकानदारों को निर्देश; मचा सियासी बवाल

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में प्रशासन ने कांवड़ यात्रा के रास्ते में पड़ने वाली दुकानों के मालिकों को निर्देश दिया है कि वे अपनी दुकान पर नाम का बोर्ड जरूर लगाएं। प्रशासन के इस निर्देश पर सियासी बवाल शुरू हो गया है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Updated on: July 18, 2024 20:51 IST
Kanwar Yatra, Kanwar Yatra Muslims, Kanwar Yatra Muslim Shopkeepers- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों को अपनी पहचान बतानी होगी।

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के लिए पूरी तैयारी कर ली है। खुद सीएम योगी तैयारियों को लेकर लगातार निर्देश दे रहे हैं। इस बीच मुजफ्फरनगर प्रशासन के एक निर्देश पर विवाद हो गया है। मुजफ्फरनगर में सभी दुकानदारों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी पहचान के साथ दुकानदारी करें यानी सभी दुकानदारों को अपनी दुकान पर नाम का बोर्ड लगाने को कहा गया है। मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा के रास्ते पर पड़ने वाले बहुत से मुस्लिम दुकानदारों ने बोर्ड लगाने शुरू कर दिए हैं। इस फैसले पर अदसदुद्दीन ओवैसी से लेकर महुआ मोईत्रा तक ने योगी सरकार को घेरा है। वहीं, मुजफ्फरनगर के SSP का कहना है कि यात्रा के दौरान किसी विवाद से बचने के लिए ये फैसला लिया गया है।

‘रोजी-रोटी देने वाला अल्लाह है, फैसले से फर्क नहीं पड़ता’

यूपी के मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा के रास्ते में तमाम मुस्लिमों की दुकानें भी पड़ती हैं, जो फल, चाय एवं अन्य खाद्य सामग्री बेचते हैं। पुलिस यात्रा के बंदोबस्त में लगी है, और उन्हीं में से एक इंतजाम ये भी है कि सभी मुस्लिम दुकानदारों को अपनी पहचान बताते हुए कारोबार करना होगा। बता दें कि हिंदू संगठन बार बार ये आरोप लगा रहे थे कि मुस्लिम दुकानदार अपनी पहचान छिपाकर कारोबार कर रहे हैं। उनके मुताबिक कांवड़ियों के लिए ये ज़रूरी है कि वे जहां से सामान खरीदें उसका धर्म भी जान लें। कैमरे के सामने तकरीबन सभी दुकानदारों ने प्रशासन के फैसले को सही बताया। उनका कहना है कि रोजी-रोटी देने वाला अल्लाह है, इसलिए इस फैसले से कोई फर्क नहीं पड़ता।

असदुद्दीन ओवैसी ने प्रशासन के फैसले पर साधा निशाना

मुजफ्फरनगर के दुकानदार प्रशासन का आदेश मान कर बोर्ड लगाना शुरू कर चुके हैं लेकिन इस फैसले पर सियासत शुरू हो गई है। AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी से लेकर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोईत्रा ने तक ने फैसले पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। ओवैसी ने सोशल मीडिया पर लिखा है, ‘उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के अनुसार अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले। इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथाइड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम 'Juden Boycott' था।

महुआ ने कहा, यह पूरी तरह से अवैध और संविधान विरोधी है

ओवैसी के साथ साथ टीएमसी की सांसद महुआ मोईत्रा ने मुजफ्फरनगर प्रशासन के इस फैसले के संविधान विरोधी बताते हुए लिखा, ‘आगे क्या? क्या मुसलमान अपनी पहचान के लिए अपनी आस्तीन पर स्टार ऑफ डेविड का निशान पहनेंगे? अगली बार जब कांवडियों या उनके परिवारों को डॉक्टर या खून की आवश्यकता हो तो उनके इलाज के लिए दूसरी कांवड़ ढूंढ लें। यह पूरी तरह से अवैध और संविधान विरोधी है।’ माना जा रहा है कि प्रशासन के इस निर्देश पर आगे भी सियासत हो सकती है। हालांकि कांवड़ यात्रा के रास्ते पर मौजूद दुकानदारों में से अधिकांश का कैमरे पर प्रशासन के फैसले पर किसी तरह का विरोध नहीं जताया।

Kanwar Yatra, Kanwar Yatra Muslims, Kanwar Yatra Muslim Shopkeepers

Image Source : PTI FILE
कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़िए पूरे हर्षोल्लास के साथ यात्रा करते हैं।

सीएम योगी ने कांवड़ यात्रा को लेकर दिए कई जरूरी निर्देश

बता दें कि बुधवार को सीएम योगी ने कांवड़ यात्रा को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की और कई जरूरी निर्देश दिए। मीटिंग के बाद CM योगी ने कांवड़ यात्रा को लेकर लिखा, ‘उत्तर प्रदेश सरकार आस्था, परंपरा और विरासत के सम्मान और संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है। उसी क्रम में अटूट श्रद्धा और समर्पण की प्रतीक, पावन कांवड़-यात्रा के सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक संचालन के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा कर उनका अभिनन्दन किया जाए। कांवड़ यात्रा मार्गों पर साफ-सफाई, बेहतर प्रकाश की व्यवस्था और सहायता शिविर लगाए जाएं साथ ही मार्गों पर पेयजल-शिकंजी की व्यवस्था भी की जाए।’

उत्तराखंड की धामी सरकार ने भी लिया ऐसा ही फैसला

योगी आदित्यनाथ ने लिखा कि सुरक्षा के दृष्टिगत ड्रोन से यात्रा मार्ग की निगरानी के साथ ही कांवड़ शिविर लगाने वालों का सत्यापन भी किया जाए। उन्होंने लिखा कि लोक-मंगल के ध्येय से परिपूर्ण कांवड़ यात्रा सुगमता से पूर्ण हो, शिवभक्तों और आमजन को कोई असुविधा न हो, यह आपकी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखंड की धामी सरकार ने भी फैसला किया है कि कांवड़ के रास्ते में पड़ने वाले दुकानदारों को अपना असली नाम का बोर्ड लगाना होगा। अब देखना यह है कि दोनों सरकारों के इस फैसले पर विभिन्न सियासी दल क्या रुख अपनाते हैं।

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