
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने प्रदेश में बुधवार को अलविदा नमाज और ईद-उल-फितर के दौरान किसी भी प्रकार की कोई नई परंपरा मनाने पर सख्त बैन लगाने का आदेश दिया है। साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ी निगरानी का निर्देश दिया है। यूपी पुलिस प्रमुख ने निर्देश दिया है कि इस दौरान किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाए, सतर्कता के लिए ड्रोन कैमरे तैनात किए जाएं और दंगा कंट्रोल उपायों के तहत पूरी तरह पुलिस को तैयार रखा जाए।
संवेदनशील क्षेत्रों को पहचानें- डीजीपी
राज्य भर के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जारी निर्देश में, डीजीपी ने जोर देते हुए कि सुरक्षा व्यवस्था एक सुव्यवस्थित क्षेत्र और सेक्टर प्लान पर आधारित होनी चाहिए। संवेदनशील और अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों को पहचाना जाना चाहिए और मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ अधिकारियों सहित पुलिस कर्मियों की पर्याप्त तैनाती की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी नई परंपरा या प्रैक्टिस की अनुमति नहीं दी जाएगी और उन्हें शुरू करने के किसी भी प्रयास को तुरंत रोक दिया जाना चाहिए।
अपराधियों की हो पहचान
आगे अधिकारियों को सांप्रदायिक तनाव के इतिहास वाले व्यक्तियों की लिस्ट अपडेट करने और जहां आवश्यक हो, जरूरी कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। साथ ही शांति बनाए रखने के लिए, स्थानीय पुलिस को धार्मिक नेताओं और शांति समिति के सदस्यों को शामिल करने का काम सौंपा गया है, और सद्भाव बनाए रखने में उनके सहयोग का आग्रह किया गया है।
मुख्य स्थानों पर करें फील्ड विजिट
निर्देश में आगे वरिष्ठ अधिकारियों को मुख्य स्थानों पर फील्ड विजिट करने को कहा गया, जिससे पुलिस की मौजूदगी सुनिश्चित महसूस हो। साथ ही पुलिस बल, प्रांतीय सशस्त्र पुलिस बल (PAC) और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के कर्मियों के साथ फ्लैग मार्च किए जाने को भी कहा। डीजीपी ने बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में नियमित पैदल गश्त की जरूरत पर भी जोर दिया, जिसमें बम निरोधक दस्तों और खोजी कुत्तों का इस्तेमाल करके जांच की जाएगी।
बयान के अनुसार, रणनीतिक बिंदुओं पर क्विक रिपॉन्स टीम (QRT) तैनात किए जाएंगे, जबकि व्यस्त बाजार क्षेत्रों में फायर ब्रिगेड की व्यवस्था होनी चाहिए। अधिकारियों को खुफिया नेटवर्क को अत्यधिक सक्रिय रखने और छोटी-छोटी सूचनाओं को भी गंभीरता से लेने का निर्देश दिया गया है।
सोशल मीडिया पर भी रहेगी निगरानी
गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए सोशल मीडिया की सख्त निगरानी का आदेश दिया गया है। कुमार ने निर्देश में कहा कि किसी भी गलत या भ्रामक सामग्री को तुरंत संबोधित किया जाना चाहिए, जहां आवश्यक हो वहां कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। सुरक्षा एजेंसियां संवेदनशील क्षेत्रों, विशेष रूप से जुलूस मार्गों और प्रमुख चौराहों की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का भी उपयोग करें, जबकि प्रमुख क्षेत्रों में सीसीटीवी की स्थापना सुनिश्चित की जानी चाहिए।
सुरक्षा में नहीं होगी कोई चूक
यूपी-112 के तहत राज्य के इमरजेंसी रिस्पॉन्ड वाहनों को संवेदनशील मार्गों पर पहले से तैनात किया जाए, वहीं, जिला पुलिस प्रमुखों को सुबह की चेकिंग टीमों को एक्टिव करने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि अधिकारियों को नियमित जांच के लिए जानकारी दी जाए और तैनात किया जाए। बयान में आगे कहा गया है कि डीजीपी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा में कोई चूक नहीं होगी और त्योहार के दौरान शांति सुनिश्चित करने के लिए सभी उपायों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।
(इनपुट- भाषा)
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