वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। मिली जानकारी के अनुसार, काशी विश्वनाथ मंदिर में शुक्रवार शाम सात बजे तक आठ लाख 11 हजार 396 श्रदालुओ ने दर्शन किए। मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे।
कतारों में लगकर भगवान शिव का आशीर्वाद मांगा
काशी विश्वनाथ मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु आए और लंबी कतारों में लगकर भगवान शिव का आशीर्वाद मांगा। मंदिर में आए श्रद्धालुओं के लिए जरुरी इंतजाम किए गए थे। आज सुबह से ही मंदिर परिसर बाबा भोले नाम के जयकारों से गूंज उठा।
प्रयागराज में 9.70 लाख लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी
प्रयागराज में इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को संगम घाट के पवित्र जल में डुबकी लगाते देखा गया। मिली जानकारी के अनुसार, माघ मेला के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर शुक्रवार को शाम छह बजे तक 9.70 लाख लोगों ने यहां गंगा और पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई। नगर के विभिन्न शिव मंदिरों में भारी संख्या में लोगों ने शिवलिंग पर माला फूल, दुग्ध आदि चढ़ाए और अभिषेक किया।
क्या है मान्यता
तीर्थ पुरोहित राजेंद्र मिश्रा ने बताया कि मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन भोलेनाथ का विभिन्न पवित्र वस्तुओं से पूजन एवं अभिषेक किया जाता है विशेषकर बेलपत्र, धतूरा, अबीर, गुलाल, बेर आदि अर्पित किया जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान भोलेनाथ अपनी बारात में उन सभी को आमंत्रित करते हैं जिनकी समाज उपेक्षा करता है। इसीलिए भोलेनाथ को पतित पावन कहा जाता है।