झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग के बाद उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। 10 बच्चों की मौत हुई है। परिजनों के साथ मिलकर बच्चों की पहचान की जा रही है। घटना की उच्चस्तरीय जांच होगी। उन्होंने कहा, 'पहली जांच शासन के स्तर पर होगी, जिसे स्वास्थ्य विभाग करेंगा। वहीं दूसरी जांच जिला स्तर पर होगी, जिसे पुलिस प्रशासन और फायर विभाग की टीम साथ मिलकर करेगी। वहीं तीसरी जांच मजिस्ट्रेट जांच होगी।' डिप्टी सीएम ने कहा कि घटना कैसे हुई, क्यों हुई इसका पता लगाएंगे और जिम्मेदारी तय करेंगे। इसके बाद किसी को भी छोड़ेंगे नहीं।
मारे गए बच्चों की हो रही पहचान
बता दें कि फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ था और मॉक ड्रिल भी किया गया था। वर्तमान में जो स्थिति है उसके मुताबिक 17 बच्चे अस्पताल में हैं। 4 वात्सल्य प्राइवेट में ले जाए गए हैं। वहीं 3 बच्चे मातृत्व वार्ड में ले जाए गए हैं। 1 बच्चे को ललितपुर, 1 को मौरानीपुर, 6 बच्चों को अपनी माताओं के साथ रखा गया है। बता दें कि इस घटना में अबतक 10 बच्चों की मौत हो गई है। मारे गए बच्चों में 7 बच्चों की पहचान की जा चुकी है। लेकिन 3 बच्चों की शिनाख्त नहीं हो पा रही है। परिजनों से फिलहाल संपर्क किया जा रहा है, जिनमें से 6 परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है।
क्या बोले मुख्य चिकित्सा अधिकारी
झांसी के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) सचिन माहोर ने कहा, "NICU वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे, अचानक से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग गई, आग बुझाने की कोशिश की गई लेकिन आग तुरंत फैल गई थी। 10 बच्चों की अभी तक मृत्यु हो गई है बाकी बच्चों का इलाज चल रहा है।" वहीं भाजपा के विधायक राजीव सिंह परीछा ने कहा, यह बेहद दुखद घटना है। 10 बच्चों की मौत हो गई है। वहीं 35 बच्चों को बचाया जा चुका है। नवजात शिशुओं को डॉक्टरों द्वारा उचित इलाज डॉक्टरों द्वारा दिया जा रहा है। सरकारी अस्पताल के अधिकारियों से सरकार लगातार संपर्क में है। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट है