प्रयागराज (उप्र): इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वेक्षण को प्रभावित किए बगैर संपूर्ण ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को सील करने के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश देने के अनुरोध वाली जनहित याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। याचिकाकर्ताओं ने ये जनहित याचिका वापस लेने और उचित कानूनी मंच से संपर्क करने का अदालत से अनुरोध किया था, जिस पर मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने यह आदेश पारित किया।
प्रतीकों को सुरक्षित रखने के लिए याचिका
पिछले बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर राज्य सरकार और जिला प्रशासन को संपूर्ण ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को सील करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था, ताकि गैर हिंदुओं द्वारा हिंदू चिह्नों और प्रतीकों को क्षति ना पहुंचाई जा सके।
याचिका में यह अनुरोध भी किया था कि जिला न्यायाधीश, वाराणसी की अदालत में लंबित वादों के निस्तारण होने तक पुराने मंदिर क्षेत्र में गैर हिंदुओं को जाने से रोकने के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन को निर्देश दिया जा सकता है।
1669 में औरंगजेब के निर्देश पर हमला
यह याचिका जितेंद्र सिंह विसेन, राखी सिंह और अन्य लोगों द्वारा दायर की गई थी। याचिका में कहा गया है कि मंदिर को पूर्व में कई बार विभिन्न मुस्लिम आक्रांताओं ने क्षतिग्रस्त किया और 1669 में मुस्लिम शासक औरंगजेब के निर्देश पर इस पर हमला किया गया था। याचिका में कहा गया कि मौजूदा याचिका सदियों पुराने श्री आदि विश्वेश्वर मंदिर के अवशेषों और शिवलिंग को बचाने के लिए दायर की जा रही है। (भाषा)