मंदिरों का शहर अयोध्या, जिसने इस साल जनवरी में भगवान राम की ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा देखी थी, 28 अक्टूबर से शुरू होने वाले चार दिवसीय दीपोत्सव समारोह की मेजबानी करने के लिए तैयार है। अयोध्या धाम अब त्रेतायुगीन वैभव की ओर अग्रसर हो चला है। रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं। होली एवं श्रीराम जन्मोत्सव के भव्य आयोजनों ने देश-विदेश में करोड़ों भक्तों में अपार हर्ष का संचार किया। हर्ष का ऐसा ही क्षण अब जल्द ही भव्य दीपोत्सव के माध्यम से 28 से 31 अक्टूबर के मध्य भक्तों को मिलने वाला है।
इस बार का दीपोत्सव क्यों है खास?
यूं तो, 2017 से ही दीपावली पर अयोध्या का सरयू घाट रिकॉर्ड संख्या में दीपों से जगमग होता रहा है लेकिन 2024 में 8वें दीपोत्सव कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘विजन’ में कार्ययोजना तय हो चुकी है और इस बार का दीपोत्सव कई मायनों में खास होने जा रहा है। यह इसलिए भी खास होगा क्योंकि रामलला के श्रीविग्रह की स्थापना के बाद इस वर्ष पहली बार दीपोत्सव होगा। ऐसे में, इसे भव्यतम करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इस वर्ष न केवल राम की पैड़ी, नया घाट समेत अयोध्या के विभिन्न घाटों को 25 लाख से ज्यादा दीयों से सजाया जाएगा बल्कि चार दिन तक चलने वाले दीपोत्सव कार्यक्रम में रोशनी सज्जा इस कदर आकर्षक होगी जो अयोध्या धाम को साकेत धाम की वास्तविक अलौकिक आभा प्रदान करेगी।
35 लाख दीप जलाकर बनेगा विश्व रिकॉर्ड
राम की पैड़ी पर 25 लाख दीप एक साथ जलाकर विश्व रिकार्ड बनाया जाएगा। वहीं, इस बार अयोध्या नगर क्षेत्र में भी 10 लाख दीप जलाए जाएंगे। इस तरह 35 लाख दीप जलाए जाएंगे। श्रीराम, सीता और लक्ष्मण के स्वरूपों का हेलीकॉप्टर से रामकथा पार्क के हेलीपैड पर प्रतीकात्मक पुष्पक विमान द्वारा अवतरण होगा व भरत मिलाप कार्यक्रम होगा। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा श्रीराम जानकी का पूजन, आरती एवं श्रीराम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक किया जाएगा।
अयोध्या के दीपोत्सव में जीवंत होगा त्रेता युग
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने निर्देश दिए हैं कि अयोध्या में दीपोत्सव के 8वें चरण में लगभग 25 लाख से ज्यादा दीप प्रज्वलित कर राम नगरी में त्रेतायुग के दृश्य को जीवंत करने का प्रयास किया जाए। उन्होंने दीपोत्सव-2024 को ऐतिहासिक एवं अलौकिक बनाने के लिए पूरी अयोध्या को सजाने और संवारे जाने के निर्देश दिए हैं।
पर्यटन मंत्री बीती शाम अपने सरकारी आवास पर दीपोत्सव-2024 की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दीपोत्सव में आधुनिक तकनीक से सुसज्जित मंच एवं प्रदर्शनी संस्कृति विभाग द्वारा लगाई जाएगी। 10 बड़े सांस्कृतिक मंचों का निर्माण किया जा रहा है। इन पर त्रेतायुग की झलकियां प्रदर्शित की जाएंगी। मुख्य आयोजन 30 अक्टूबर को रामपथ, रामकथा पार्क, राम की पैड़ी, सरयू तट आदि स्थानों पर होंगे। 3 बजे राज्यपाल, मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री एवं मंत्रिमंडल के सदस्य रामकथा पार्क अयोध्या में पहुंचकर शोभायात्रा की झाकियों का अवलोकन करेंगे।
चार दिन के कार्यक्रम में क्या है खास?
- दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान अयोध्या को ‘इंटेलिजेंट डाइनेमिक कलर चेंजिंग एलईडी डेकोरेटिव पैनल्स’ एवं ‘मल्टी मीडिया प्रोजेक्शंस’ समेत विभिन्न प्रकार की आधुनिक लाइटिंग से युक्त किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल के अतिरिक्त अयोध्या के विभिन्न स्थानों को भी इनसे युक्त किया जाएगा।
- नया घाट समेत राम की पैड़ी पर स्वागती द्वार बनाए जाएंगे जिन्हें ‘थीमैटिक लाइटेड आर्क पिलर्स’ से युक्त किया जाएगा। अयोध्या में भक्ति पथ समेत विभिन्न मुख्य पथों को आकर्षक रोशनी एवं फूलों से सजाया जाएगा। साथ ही अयोध्या से गोंडा की ओर जाने वाले मार्ग पर गोंडा ब्रिज तथा अयोध्या से बस्ती जाने वाले मार्ग पर बस्ती ब्रिज को आकर्षक रोशनी सज्जा से युक्त किया जाएगा।
- अयोध्या के 500 से ज्यादा प्रमुख स्थलों को आकर्षक ‘साइनेज बोर्ड्’ से सजाया जाएगा। इसके अतिरिक्त 20 ‘आर्टिस्टिक इंस्टॉलेशन’ की भी अयोध्या के विभिन्न क्षेत्रों में दीपोत्सव कार्यक्रम के दृष्टिगत स्थापना की जाएगी। अयोध्या में इस वर्ष होने वाले भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम में प्रतिदिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
- प्रतिदिन विभिन्न चरणों में इन कार्यक्रमों का आयोजन होगा और मुख्य कार्यक्रम की समयावधि 45 मिनट होगी। इस दौरान कुल मिलाकर 100 से ज्यादा कलाकार राम की पैड़ी एवं अन्य कार्यक्रम स्थलों पर अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इनमें प्रभु श्रीराम के जीवन चरित्र से जुड़े विभिन्न प्रसंगों का मंचन मुख्य रहेगा।
- दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान ही अयोध्या समेत आस-पास के सभी प्रमुख क्षेत्रों में ‘वर्चुअल रिएलिटी प्लेटफॉर्म’ के जरिए दर्शन कराने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। जिन तीर्थस्थलों को ‘वर्चुअल रिएलिटी’ के जरिए जोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है इसमें श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, हनुमान गढ़ी मंदिर, नागेश्वर नाथ मंदिर, राम की पैड़ी, छोटी देवकाली मंदिर, बड़ी देवकाली मंदिर, कनक भवन मंदिर एवं दशरथ महल मंदिर मुख्य हैं।
- रंग महल मंदिर, सूर्य कुंड, भरत कुंड, गुप्तार घाट, राम हेरिटेज वॉक (साकेत पेट्रोल पंप से लता मंगेशकर चौक तक), राम गुलेला मंदिर, श्रृंगी ऋषि का आश्रम, मखोड़ा धाम, सिया राम किला, जैन मंदिर, छपिया नारायण मंदिर तथा अमावा मंदिर को भी वर्चुअल रिएलिटी प्रक्रिया से जोड़े जाने पर कार्य शुरू हो गया है।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग एवं अयोध्या विकास प्राधिकरण इन सभी कार्यों को पूरा करने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं।
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