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सीएम योगी ने कसा तंज-'गीता प्रेस को मिले सम्मान को दुर्घटनाग्रस्त हिंदू के वंशज पचा नहीं पा रहे हैं'

गीता प्रेस को गांधी पुरस्कार सम्मान से नवाजा गया है जिसे लेकर विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर जोरदार हमला बोला। इसे लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि दुर्घटनाग्रस्त हिंदू के वंशजों को ये पच नहीं रहा है।

Edited By: Kajal Kumari
Published on: June 20, 2023 12:20 IST
cm yogi big statement- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान

उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार पुरस्कार के लिए गीता प्रेस का चयन करने के केंद्र के फैसले की आलोचना करने पर सोमवार को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि गोरखपुर को दिए गए सम्मान को "दुर्घटनाग्रस्त हिंदू के वंशज पचा नहीं पा रहे हैं।" सीएम ने बलरामपुर में अपने भाषण के दौरान किसी का नाम लिए बगैर कहा, 'गीता प्रेस को मिले सम्मान को आकस्मिक हिंदू के वंशज पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के लिए अपनी विरासत के प्रति इतना गंदा रवैया रखना 'बेशर्मी' की बात है।

गीता प्रेस हिंदू धर्म की सेवा कर रहा है

सीएम योगी ने कहा कि गीता प्रेस एक सदी से सनातन हिंदू धर्म की सेवा कर रहा है। गीता प्रेस पिछले 100 वर्षों से धार्मिक साहित्य का प्रकाशन कर रहा है। गीता, वेद, रामायण, रामचरितमानस सहित सभी प्रकार के धार्मिक साहित्य के प्रकाशन का यह मुख्य केंद्र रहा है, बिना किसी सरकारी सहयोग के, सस्ते दाम पर मानवता का कल्याण और सनातन हिंदू धर्म इसका मार्ग प्रशस्त करता है।  यह गौरव का विषय है कि इसके प्रकाशन के मुख्य केन्द्र को गांधी शांति पुरस्कार प्राप्त हुआ है।" 

संस्कृति मंत्रालय ने गांधी शांति पुरस्कार देने का किया ऐलान

संस्कृति मंत्रालय ने रविवार को कहा कि 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गोरखपुर के गीता प्रेस को अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाएगा। गांधी शांति पुरस्कार 2021, मानवता के सामूहिक उत्थान में योगदान देने के लिए गीता प्रेस के महत्वपूर्ण और अद्वितीय योगदान को मान्यता देता है, जो सच्चे अर्थों में गांधीवादी जीवन का प्रतीक है।

1923 में स्थापित, गीता प्रेस दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है, जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिनमें 16.21 करोड़ श्रीमद भगवद गीता शामिल हैं। संस्कृति मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली ज्यूरी ने सर्वसम्मति से गांधी शांति पुरस्कार के लिए गीता प्रेस, गोरखपुर का चयन करने का फैसला किया।

हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी द्वारा लिए गए फैसले को लेकर कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस फैसले को "उपहास" करार दिया और कहा कि ये "सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने" जैसा है।

इनपुट-एएनआई

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