लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अति वर्षा और बाढ़ एवं जलजमाव को लेकर बैठक में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ और जल जमाव की समस्या के प्रति सभी जिलाधिकारी और नगर निकाय सतर्क दृष्टि रखें। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के कारण जल जमाव के खतरे बने हुए हैं। इसका तत्काल समाधान निकाला जाए।
पीड़ित परिवारों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाएं
उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि जिन क्षेत्रों में अतिवृष्टि के कारण या नेपाल से आने वाली नदियों में अत्यधिक पानी के कारण गावों में पानी भर गया है, उन क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों के माध्यम से पीड़ित परिवारों को जिला प्रशासन सुरक्षित स्थानों एवं शिविरों तक पहुंचाए और राहत का वितरण किया जाए।
बाढ़ से बचाव का हरसंभव प्रयास करने का निर्देश
सीएम योगी ने बाढ़ से बचाव के लिए हरसंभव प्रयास करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही प्रदेश में आकाशीय बिजली या अन्य प्राकृतिक आपदा से हुई जनहानि के मामलों में 24 घण्टे के अन्दर राहत राशि देने का भी निर्देश दिया है। ऐसे हादसों में अगर किसी की मौत होती है तो उस चार लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है।
नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में बाढ़ के हालात
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में मानसून के पूरी तरह सक्रिय होने के बीच नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है और कुशीनगर, बलरामपुर तथा श्रावस्ती जिलों के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। कुशीनगर में गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है और खड्डा तहसील के 13 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ की वजह से जिले के नारायणपुर के एक टापू पर 66 लोग फंस गए थे जिनमें से अब तक 62 लोगों को निकाला जा चुका है बाकी को निकालने का काम जारी है। राप्ती नदी श्रावस्ती में खतरे के निशान को पार कर गई है। यहां 18 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बलरामपुर में भी बाढ़ की स्थिति है। यहां भी राप्ती नदी खतरे के निशान को पार कर गई है।