उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जारी बुल्डोजर एक्शन फिलहाल के लिए रुक गया है। दरअसल राजधानी के रहीम नगर, पंत नगर, अबरार नगर और खुर्रम नगर में बुल्डोजर की कार्रवाई जारी थी और इमारतों को ठहाया जा रहा है। सूत्रों द्वारा जानकारी मिली है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास पर इसे लेकर एक अहम बैठक आज की गई है। सूत्रों के मुताबिक इन इलाकों में रहने वाले लोगों को फिलहाल के लिए राहत मिली है और बुलडोजर की कार्रवाई को रोक दिया गया है।
घर के बाहर लगाई गई रजिस्ट्री की कॉपी
बता दें कि लोगों के मकान और घर तोड़े जाने से लोगों में खासा नाराजगी है। जब से लोगों के घरों के आगे लाल निशाना लगाया गया है, तब से ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। इलाके के लोगों ने अपने मकान के बाहर रजिस्ट्री की फोटेस्टेट कॉपी चिपका दी है, ताकि सरकार को यह बताया जा सके कि घर का निर्माण वैध तरीके से हुआ है और उसके लिए सभी सरकारी मानकों का पालन किया गया है। बता दें कि पंतनगर, रहीमनगर, इंद्रप्रस्थ नगर, अबरार नगर और खुर्रम नगर में रहने वाले लोगों द्वारा इस बात की शिकायत लगातार की जा रही है। साथ ही बुलडोजर एक्शन से उन्हें राहत मिल सके, इसके लिए भी कई तरह के काम किए जा रहे हैं ताकि लोगों की नजर लखनऊ पर टिक सके।
क्या बोले सीएम योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते एक माह से अपने सपनों के घर को तोड़े जाने की भ्रामक खबरों से परेशान पंतनगर, इन्द्रप्रस्थनगर एवं रहीमनगर आदि क्षेत्रों के लोगों की समस्या का समाधान कर दिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचे प्रभावित परिवारों के भय और भ्रम का समाधान करते हुए ने मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पंतनगर हो या इंद्रप्रस्थ नगर, वहां निवासरत लोगों की सुरक्षा और शांतिपूर्ण जीवन के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। संबंधित प्रकरण में एनजीटी के आदेशों के क्रम में नदी के फ्लड प्लेन जोन का चिन्हांकन किया गया है। फ्लड प्लेन जोन में निजी भूमि भी सम्मिलित है। लेकिन निजी भूमि को खाली कराने की न तो वर्तमान में कोई आवश्यकता है और न ही कोई प्रस्ताव है। निजी भूमियों में बने निजी भवनों के ध्वस्तीकरण का कोई विषय विचाराधीन नहीं है।
घरों के बाहर क्यों लगाए गए चिह्न?
उन्होंने कहा कि फ्लड प्लेन जोन चिन्हींकरण के दौरान भवन निर्माणों पर लगाये गये संकेतों से आम जन में भय और भ्रम फैला है, इसका कोई औचित्य नहीं था और इसके लिए जवाबदेही तय की जाए। मुख्यमंत्री ने उक्त क्षेत्र में साफ-सफाई व जनसुविधाओं के विकास के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि तत्काल क्षेत्र में विजिट करें, लोगों से मिलें और उनका भय और भ्रम दूर किया जाए। प्रभावित परिवारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रिवर बेड विकसित करने में यदि कोई निजी भूमि पर बना भवन निर्माण आता है, जिसका प्रमाणित स्वामित्व किसी निजी व्यक्ति का है, उसे नियमानुसार समुचित मुआवजा देकर ही अधिग्रहीत किया जाएगा। मुख्यमंत्री से मिलने के बाद प्रसन्नचित परिवारों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया और 'योगी हैं तो यकीन है' के नारे भी लगाए।
एनजीटी के आदेशों के बाद किया गया चिन्हांकन
बता दें कि कुकरैल नदी को प्रदूषण मुक्त एवं पुर्नजीवित करने के सम्बन्ध में सिंचाई विभाग द्वारा विगत दिनों एनजीटी के आदेशों के क्रम में नदी के फ्लड प्लेन जोन का चिन्हांकन किया गया है। नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा (NMCG) की अधिसूचना-2016 के क्रम में उक्त कार्यवाही की जा रही है। कुकरैल नदी के दो प्लेन चिन्हित किये गये हैं। पहला, नदी तल और दूसरा फ्लड प्लेन जोन। रिवर बेड लगभग 35 मीटर चौड़ाई में तथा फ्लड प्लेन जोन नदी किनारे से 50 मीटर तक सिंचाई विभाग द्वारा चिन्हित किया गया है। कतिपय व्यक्तियों द्वारा फ्लड प्लेन जोन के चिन्हांकन के सम्बन्ध में कई मिथ्या तथ्यों को प्रचारित किया जा रहा था, जिसे लेकर स्थानीय जनता में भय और भ्रम का माहौल था।
कुकरैल नदी का होना है सौंदर्यीकरण
बता दें कि कुकरैल नदी के सौंदर्यीकरण को लेकर पंत नगर समेत अन्य इलाकों में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। इसे लेकर पंतनगर में सोमवार को महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। सोमवार को महिलाओं ने गांधीगिरी का तरीका अपनाया और कुर्सी लगाकर सड़क पर ही बैठ गईं। इस दौरान सैकड़ों महिलाओं ने अपने आंख, कान और मुंह करके प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया। महिलाओं का कहना था कि वे अपने घरों को नहीं छोड़ने वाली हैं। बता दें कि इस दौरान छोटे बच्चे भी भी विरोध करते दिखे और उन्होंने सीएम योगी से कार्रवाई रोकने की अपील की।