गोंडा (उप्र): उत्तर प्रदेश के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है, जबकि 31 लोग घायल हैं। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद शुक्रवार की शाम पहली मालगाड़ी चलाई गई। इस बीच घटना के कारणों की उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) 21 जुलाई को हादसे की जांच करेंगे। गोंडा की जिलाधिकारी ने भी घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में रेल पटरियों के मरम्मत का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। रेल प्रशासन का दावा है कि देर रात तक आवागमन बहाल कर दिया जाएगा।
पूर्वोत्तर रेलवे के गोंडा-गोरखपुर रेल खंड पर मोतीगंज और झिलाही रेलवे स्टेशन के बीच बृहस्पतिवार दोपहर को ट्रेन के आठ डिब्बे पटरी से उतर गए थे। गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा, ‘‘अब तक चार यात्रियों की मौत हो चुकी है और 32 घायल हैं। घायलों में से करीब छह की हालत गंभीर है।’’ शर्मा ने कहा, ‘‘मृतकों में राहुल (38), सरोज कुमार सिंह (31) तथा दो अज्ञात शामिल हैं। अज्ञात में से एक व्यक्ति का शव आज सुबह बरामद किया गया।’’ उन्होंने बताया कि गंभीर रूप घायल दो यात्रियों का उपचार लखनऊ के ट्रामा सेंटर में किया जा रहा है। आधिकारिक बयान में शर्मा ने कहा कि दुर्घटना के कुछ घंटों बाद बृहस्पतिवार रात जब चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 600 यात्रियों को एक विशेष ट्रेन से असम के लिए रवाना किया गया वह उस समय मनकापुर जंक्शन पर मौजूद थीं। जिलाधिकारी ने बताया कि उन्होंने कई यात्रियों से बातचीत की और उनमें से किसी ने भी अपने सहयोगी के लापता होने की शिकायत नहीं की। उन्होंने यह भी बताया कि रेल की पटरियों की मरम्मत का काम जारी है और जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा।
रेल हादसे की जांच शुरू
जिलाधिकारी शर्मा सुबह में जिला अस्पताल पहुंचीं तथा यहां भर्ती घायलों से मिलकर उनका हालचाल जाना। उन्होंने अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को घायलों के समुचित उपचार तथा देखभाल का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा जिला आपदा विशेषज्ञ को निर्देश दिया कि ऐसे जख्मी यात्री जो कि अकेले हैं, उनका विशेष ध्यान रखा जाए। अस्पताल में मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल तथा रेलवे के अस्पताल में चार-चार मरीज भर्ती हैं जिनकी हालत स्थिर है और गंभीर रूप से घायल दो यात्रियों का उपचार लखनऊ के ट्रामा सेंटर में किया जा रहा है। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्य संरक्षा आयुक्त के नेतृत्व में घटनास्थल पर पहुंची टीम ने हादसे की जांच शुरू कर दी है और उसने मौके से रेल की पटरी में प्रयुक्त लोहे और आसपास की मिट्टी के नमूने एकत्र किए हैं।
रेल मार्ग चालू, शाम में गुजरी पहली मालगाड़ी
इस बीच, पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर की मौजूदगी में रेल यातायात बहाल करने के लिए मरम्मत कार्य और क्षतिग्रस्त कोचों को घटनास्थल से हटाने का काम युद्धस्तर पर जारी रहा। दुर्घटना के बाद पहली बार इस रेलमार्ग पर आज शाम पांच बजकर नौ मिनट पर पहली मालगाड़ी चलाई गई। एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह से ही लगभग 800 कर्मचारी मरम्मत कार्य में जुटे हुए थे। उन्होंने बताया कि गैस कटर के माध्यम से डिब्बों को काटकर अलग कर दिया गया है जबकि पलटे हुए डिब्बों को जेसीबी और क्रेन के माध्यम से हटाने का काम जारी है। अधिकारियों ने बताया कि हादसे में पूरी तरह उखड़ चुकी रेल की पटरियों को नए सिरे से बिछाने की तैयारी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि गोंडा-गोरखपुर रेलखंड पूरी तरह विद्युतीकृत है और हादसे में बिजली के खंभे तथा तार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं जिन्हें नए सिरे से स्थापित किए जाने का कार्य जारी है। माथुर ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से बातचीत में कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि डाउन लाइन को जल्द से जल्द बहाल किया जाए। डीजल (लोकोमोटिव) के लिए अप लाइन को कल रात ही बहाल कर दिया गया था।’’ रेल मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त की जांच के अलावा एक उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल यात्रियों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे। (भाषा)