कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुए दंगे में मारे गए चंदन गुप्ता की हत्या में 28 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने चर्चित मामले पर फैसला सुनाया। शुक्रवार को कोर्ट में सभी दोषियों को सजा सुनाई जाएगी। इस मामले में कुल 30 आरोपी थे। इनमें से एक व्यक्ति को बरी कर दिया गया। वहीं, एक व्यक्ति की पहले ही मौत हो चुकी है। चंदन गुप्ता के परिवारजनों ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा "देर जरूर हुई, लेकिन हमें न्याय पालिका पर पूरा भरोसा था।"
कासगंज में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। विश्व हिंदू परिषद, और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता करीब 100 मोटर साइकिलों पर तिरंगा और भगवा झंडा लेकर निकले ABVP कार्यकर्ता चंदन गुप्ता भी इसमें शामिल था। यात्रा के दौरान कुछ मुस्लिम युवकों ने झड़प हो गई इसके बाद दंगा भड़क गया। इसमें चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसकी मौत के बाद कासगंज में हालात कई दिनों तक खराब थे। कासगंज में करीब एक हफ्ते तक दंगे हुए थे।
15 अगस्त में नहीं निकली थी तिरंगा यात्रा
साल 2018 में 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसा होने के बाद 15 अगस्त को तिरंगा यात्रा नहीं निकाली गई थी। इस साल सिर्फ स्कूल के बच्चों को झांकी निकालने की अनुमति दी गई थी, लेकिन किसी अपरंपरागत यात्रा की अनुमति नहीं दी गई थी। बजरंग दल तथा कुछ अन्य कथित हिन्दूवादी संगठनों ने यहां तिरंगा यात्रा निकालने की अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी। हालांकि, इसके बाद से यहां का माहौल शांतिपूर्ण रहा है। घटना के लगभग सात साल बाद चंदन गुप्ता के परिजनों को न्याय मिल गया है। घटना के समय तीन दिन तक कासगंज में कर्फ्यू लगाना पड़ा था, लेकिन अब यहां के हालात सामान्य हो चुके हैं।
(कासगंज से अक्षय पालीवाल की रिपोर्ट)