
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरे टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए आज इन्वेस्ट यूपी के सीईओ को सस्पेंड कर दिया। यूपी सरकार ने एक उद्यमी की शिकायत पर एक्शन लेते हुए यह कदम उठाया। उद्यमी ने सोलर इंडस्ट्री लगाने के लिए इन्वेस्ट यूपी के तहत आवेदन किया था। इसी बीच किसी बिचौलिये ने काम कराने के लिए उद्यमी से कमीशन मांगा।
एफआईआर दर्ज
उद्यमी ने इसकी शिकायत कर दी। लिहाजा कमीशन मांगने वाले वसूलीबाज निकांत जैन को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर ली है। वहीं इनवेस्ट यूपी के सीईओ को सस्पेंड कर दिया है। बता दें कि इन्वेस्ट यूपी के सीईओ सीनियर आईएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश हैं।
क्या है मामला?
शिकायतकर्ता के मुताबिक उसने इनवेस्ट यूपी के तहत सोलर एनर्जी से जुड़े कलपुर्जे बनाने वाली यूनिट लगाने चाहता था। इसके लिए उसने इन्वेस्ट यूपी दफ्तर में ऑनलाइन एप्लीकेशन भेजा था। इस संबंध में मूल्यांकन समिति की बैठक हुई थी। शिकायतकर्ता के मुताबिक उसे इन्वेस्ट यूपी के एक बड़े अधिकारी ने एक प्राइवेट व्यक्ति निकांत जैन का नंबर दिया था और उससे बात करने को कहा था। निकांत जैन ने पूरे मामले के लिए पांच फीसदी कमीशन की मांग की थी। लेकिन मैंने देने से मना कर दिया। बाद में मेरे एप्लीकेशन को भी पत्रावली प्रकरण में टाल दिया गया। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के स्तर तक की गई जिसके बाद यह एक्शन लिया गया।
क्या है इन्वेस्ट यूपी?
इन्वेस्ट यूपी उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ाने के लिए यूपी सरकार की एक पहल है। निवेश को बढ़ावा देने के साथ ही उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए इन्वेस्ट यूपी की पहल की गई। यह एक सिंगल विंडो सिस्टम है जो निवेशकों को राज्य में अपने व्यवसाय को शुरू करने और चलाने में मदद करती है।
इन्वेस्ट यूपी के मुख्य उद्देश्य
- निवेश को बढ़ावा देना
- उद्योगों को प्रोत्साहित करना
- रोजगार के अवसर पैदा करना
- राज्य की आर्थिक विकास को बढ़ावा देना
इन्वेस्ट यूपी के तहत मिलते हैं ये लाभ
- उद्यमियों को टैक्स में छूट
- बिजली की दरों में छूट
- जमीन उपलब्ध कराई जाती है
- उद्योगों के लिए बुनियादी ढांचे का विकास किया जाता है