सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई की आलोचना की है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को कहा कि अगर कोई सिर्फ आरोपी है तो उसकी प्रॉपर्टी गिराने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? अब इस पर बहुजन समाज पार्टी यानी BSP प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं और कानून के तहत कार्रवाई होने की बात कही है।
मायवती ने ट्वीट किया, "देश में आपराधिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई कानून के तहत होनी चाहिए और इनके अपराध की सजा उनके परिवार व नजदीकी लोगों को नहीं मिलनी चाहिए। यह सब हमारी पार्टी की रही सरकार ने 'कानून द्वारा कानून का राज' (Rule of Law By Law) स्थापित करके भी दिखाया है।"
"संबंधित अधिकारियों पर ही कठोर कार्रवाई होनी चाहिए"
उन्होंने कहा, "बुलडोजर का भी इस्तेमाल अब माननीय सुप्रीम कोर्ट के आने वाले निर्णय के मुताबिक ही होना चाहिए। हालांकि, उचित तो यही होगा कि इसका इस्तेमाल करने की जरूरत ही ना पड़े, क्योंकि आपराधिक तत्वों को सख्त कानूनों के तहत भी निपटा जा सकता है।" एक अन्य ट्वीट में मायावती ने कहा, "जबकि आपराधिक तत्वों के परिवार व नजदीकियों पर बुलडोजर का इस्तेमाल करने की बजाय संबंधित अधिकारियों पर ही कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, जो ऐसे तत्वों से मिलकर, पीड़ितों को सही न्याय नहीं देते हैं। सभी सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें।"
शीर्ष कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को करेगा
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई की। इसमें आरोप लगाया गया है कि बीजेपी शासित राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है। अब इस केस की सुनवाई 17 सितंबर को होगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हम यहां अवैध अतिक्रमण के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि हम पूरे देश के लिए गाइडलाइन जारी कर सकते हैं। किसी का बेटा आरोपी हो सकता है, लेकिन इस आधार पर पिता का घर गिरा देना, यह कार्रवाई का सही तरीका नहीं है।
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