IIT-BHU में हुए गैंगरेप के मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपियों का संबंध भारतीय जनता पार्टी से निकला है, जिसके बाद समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भाजपा पर तंज कसा। विपक्षियों के इस हमले के बाद बीजेपी एक्शन मोड में आ गई और तीनों आरोपियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया। हालांकि भाजपा ने ये खुलासा नहीं किया कि गैंगरेप के तीनों आरोपी पार्टी में किस विंग और किस पोस्ट पर काबिज थे? इस मामले के तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक वाराणसी बीजेपी जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा ने बताया कि मामले में निश्चित रूप से इन तीनों का नाम आया है, तो जांच पड़ताल करके पार्टी से तीनों को निष्कासित कर दिया जाएगा। तीनों आरोपियों का संबंध होने पर पल्ला झाड़ने के सवाल पर बीजेपी जिलाध्यक्ष ने कहा कि पल्ला झाड़ने जैसी की बात नहीं है। तीनों आरोपियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। इसके बाद अब पार्टी के निर्देश के अनुसार इनपर कारवाई होगी।
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर भाजपा पर तंज कसा और कहा कि ये बीजेपी के दिग्गज नेताओं की छत्रछाया में सरेआम पनपते और घूमते भाजपाइयों की वो नई फसल है, जिनकी 'तथाकथित जीरो टॉलरेंस सरकार' में दिखावटी तलाश जारी थी, लेकिन पुख्ता सबूतों और जनता के बीच बढ़ते गुस्से के दबाव में बीजेपी सरकार को आखिरकार इन दुष्कर्मियों को गिरफ्तार करना ही पड़ा। ये वही भाजपाई हैं जिन्होंने बीएचयू की एक छात्रा के साथ अभद्रता की सभी सीमाएं तोड़ दी थीं।
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बता दें कि आईआईटी बीएचयू कैंपस में छात्रा से यौन उत्पीड़न के आरोप में तीनों आरोपियों को पुलिस ने 60 दिन बाद गिरफ्तार किया है। आरोपियों के नाम कुणाल पांडेय, अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल हैं और सभी वाराणसी के ही रहने वाले हैं। पुलिस ने उस बुलेट को भी बरामद कर लिया है, जिसका इस वारदात में इस्तेमाल किया गया था।
क्या है पूरा मामला
आरोपियों ने बीते एक नवंबर की आधी रात करीब 1:30 बजे IIT-BHU कैंपस में अपने दोस्त के साथ जा रही छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था। गैंगरेप के बाद तीनों आरोपियों ने गन पॉइंट पर छात्रा के कपड़े उतरवाकर इसके वीडियो भी बनाए थे। घटना के बाद कई दिनों तक कैंपस में स्टूडेंट्स ने विरोध-प्रदर्शन किया था जिसके बाद प्रशासन ने IIT-BHU और BHU के बीच दीवार बनाने का फैसला भी किया था, जिसे टाल दिया गया है।
कहा ये भी जा रहा है कि घटना के बाद तीनों आपोपी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कैंपेनिंग के लिए निकल गए थे। तीनों के वाराणसी आते ही पुलिस एक्टिव हुई और घटना के 60 दिन बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।