नोएडा: अयोध्या के राम मंदिर में सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ ही नोएडा के पास स्थित उस ऐतिहासिक मंदिर में भी पहली बार भगवान राम की मूर्ति की स्थापना की गई जहां रावण की पूजा की जाती है। यह प्राचीन शिव मंदिर बिसरख गांव में स्थित है, जिसे स्थानीय लोग रावण का जन्मस्थान मानते हैं। इस मंदिर के मुख्य पुजारी महंत रामदास ने कहा, ‘‘आज पहली बार मंदिर परिसर में भगवान राम के साथ-साथ सीता जी और लक्ष्मण जी की मूर्तियां पूरे अनुष्ठान के साथ स्थापित की गईं।’’
22 जनवरी को पहली बार राममयी हुआ रावण का गांव
इस मंदिर में 40 वर्ष से अधिक समय से सेवाएं दे रहे पुजारी ने कहा कि ये मूर्तियां राजस्थान से लाई गई हैं। 22 जनवरी को रावण की जन्मस्थली पर भी जश्न मनाया गया। जिस समय अयोध्या में भगवान राम विराजमान हुए ठीक उसी समय बिसरख के मंदिर में भी राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा कर विराजमान किया गया।
स्थानीय लोगों के दावों पर विश्वास किया जाए तो रावण का जन्म नोएडा के बिसरख गांव में हुआ था। बिसरख गांव इस रहस्य को लेकर लोगों की नजरों में है जिसे ग्रामीण सच होने का दावा करते हैं. कुछ साहित्यकारों, प्रतिष्ठित लेखकों ने भी इसका समर्थन किया है।
यहां कभी नहीं मनाया जाता दशहरा
यहां के ग्रामीण रावण की मृत्यु के दिन दशहरा को सामान्य उत्साह के साथ नहीं मनाते हैं। पूरे देश में होने वाले उत्सवों के विपरीत, वह दिन और उससे जुड़े 9 दिन गांव में शोक की अवधि होती है। इस अवधि को स्थानीय लोगों द्वारा रावण की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने के साथ चिह्नित किया जाता है और इसके लिए यज्ञ भी किए जाते हैं।
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