Sunday, November 03, 2024
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बिजनौर के सरकारी स्कूल में धर्म के नाम पर छात्रों से भेदभाव! BSA ने आरोपी शिक्षकों पर बैठाई जांच

बिजनौर के एक सरकारी स्कूल में बच्चों संग भेदभाव का मामला देखने को मिला है। दरअसल महिला शिक्षिका द्वारा धर्म के नाम पर यहां स्कूली बच्चों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। दूसरे समुदाय के बच्चों को स्कूल में तिलक लगाकर आने को मना किया जा रहा है।

Edited By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published on: August 24, 2024 22:38 IST
Bijnor school Discrimination against students in the name of religion BSA ordered an inquiry against- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV सरकारी स्कूल में धर्म के नाम पर छात्रों से भेदभाव!

बिजनौर के सरकारी स्कूल में धर्म के नाम पर बच्चों से भेदभाव का मामला सामने आया है। दरअसल यहां एक समुदाय के शिक्षक और बच्चे टोपी लगाकर तो स्कूल आ रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ दूसरी समुदाय के छात्रों को तिलक न लगाकर स्कूल आने को कहा गया है। छात्रों व परिजनों ने इस फरमान का विरोध किया है। शिक्षा के मंदिर में शिक्षा का पता नहीं लेकिन धर्म के नाम पर बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। हालांकि इस मामले की शिकायत जैसे ही मिली तो बेसिक शिक्षा अधिकारी ने स्कूल के शिक्षकों के खिलाफ जांच बैठा दी है। बता दें कि पूरा मामला बिजनौर के भनेड़ा के उच्च माध्यमिक विद्यालय का है।

मुस्लिम महिला शिक्षक का भेदभाव

बता दें कि बिजनौर जिले के भनेड़ा गांव के उच्च माध्यमिक स्कूल में मुस्लिम महिला अध्यापक तनवीर आयशा की गलत मानसिकता का मामला सामने आया है। महिला टीचर स्कूल आने वाले दूसरे समुदाय के बच्चों को तिलक लगाकर स्कूल आने से मना करती है। इतना ही नहीं कई बार इस मुस्लिम टीचर पर हिंदू छात्रों के माथे से तिलक को हटाने का भी गंभीर आरोप लगा है। हालांकि यह भी पता चला कि मुस्लिम टीचर ने मुस्लिम बच्चों को टोपी पहनकर आने की बात उन बच्चों से कही है। यानी एक समुदाय के बच्चों को तिलक लगाने की मनाही, वहीं दूसरी समुदाय के बच्चों को टोपी लगाकर आने की आजादी। इसी कारण स्कूल में मुस्लिम बच्चे टोपी लगाकर आ रहे हैं। इतना ही नहीं बच्चों द्वारा दूसरे समुदाय के बच्चों केसिर पर टोपी जबरन रखने की भी बात सामने आई है। आरोप है कि हिंदू बच्चे टोपी रखने से एतराज करते हैं तो टीचर हिंदू छात्रों से कहती है कि टोपी क्या दुख दे रही है, सिर पर रख लो।

स्कूल के प्रिंसिपल ने लगाई फटकार

इस मामले का जब पता चला तो हिंदू बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल के प्रिंसिपल राजेंद्र सिंह को की जानकारी दी। इसके बाद प्रिंसिपल ने स्कूल की टीचरों को फटकार लगाई। लेकिन उसके बाद भी दूसरे समुदाय की महिला टीचर की मानसिकता नहीं बदली। स्कूल के प्रिंसिपल राजेंद्र सिंह को जब इस बात की जानकारी मिली तो उनका कहना है कि मुस्लिम महिला टीचर ने हिंदू छात्रों को तिलक न लगाकर स्कूल आने को मना किया था और मना करती थी। मुझे भी मीडिया के जरिए ये जानकारी मिली है। स्कूल में टोपी लगाकर आना गलत है। स्कूल की तरफ से हिंदू बच्चों को तिलक लगाकर आने की कोई मनाही नहीं है। मुस्लिम बच्चे जुम्मे के दिन मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ते हैं। जुम्मे के दिन स्कूल में इंटरवल का समय थोड़ा बढ़ा दिया जाता है। स्कूल के समय में नमाज पढ़ना गलत है।

बीएसए ने दिए जांच के आदेश

उधर इस मामले के बारे में जब बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार से पूछा गया तो बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस मामले को सही बताया और इस पूरे मामले की जांच तत्काल प्रभाव से एबीएसए को सौंप दी। वहीं बीएसए का कहना है कि स्कूल में मुस्लिम शिक्षक को प्रॉपर ड्रेस में आना चाहिए। मुस्लिम टीचर के पहनावे से बीएसए खफा दिखाई दिए। इस पूरे मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने जांच बिठा दी है और जांच कर कार्यवाही करने की बात कही है। 

(रिपोर्ट-रोहित त्रिपाठी)

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