यूपी की आगरा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने बीजेपी सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया को बड़ी राहत दी है। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने एमपी एमएलए अदालत द्वारा सुनाई गई सजा पर अदालत ने रोक लगा दी है। आज सुनवाई के दौरान डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने कहा, जब तक अपील निस्तारित नहीं हो जाती तब तक सजा पर रोक रहेगी। जिला जज विवेक संगल ने आज सुनवाई के दौरान जिला जज ने दो दिन पूर्व विशेष एमपी एमएलए अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को निलम्बित कर दिया और उन पर 20 हजार रुपये जुर्माना लगाते हुए अगली सुनवाई के लिए 11 सितम्बर की तारीख तय कर दी। बता दें कि रामशंकर कठेरिया इटावा के सांसद हैं। जानकारी दे दें कि दो दिन पहले मारपीट और बलवे के मामले में आगरा की एमपी/एमएलए कोर्ट ने रामशंकर कठेरिया को दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद से ही उनके सांसदी पर खतरा मंडराने लगा था।
सदस्यता जाने का खतरा
एमपीएलए कोर्ट से दो साल की सजा मिलने के बाद सांसद कठेरिया की लोकसभा सदस्यता पर खतरा बढ़ गया है। फिलहाल अभी तो जिला अदालत ने अपील के निस्तारण होने तक सजा पर रोक लगा दी है, लेकिन निस्तारण के बाद भी कठेरिया को सजा सुनाई जाती है तो उनकी सदस्यता रद्द की जा सकती है। जानकारों कि रिप्रेजेंटेशन ऑफ़ द पीपुल्स एक्ट 1951 की धारा 8 (3) के मुताबिक अगर किसी सांसद या विधायक को किसी अपराध में दोषी पाया जाता है और उसे दो साल या इससे ज्यादा समय के लिए सजा सुनाई जाती है तो उसकी संसद या विधानसभा की सदस्यता ख़त्म हो जाएगी।
अब तक इन नेताओं की जा चुकी है सदस्यता?
जानकारी दे दें कि बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया पहले ऐसे नेता नहीं हैं, जिनकी किसी मामले में सदस्यता जाने का डर हैं। इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की सदस्यता जा चुकी है हालांकि आज ही उनकी सदस्यता पुन: बहाल की गई है। इसके अलावा चारा घोटाले में सजा के बाद बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव भी अपनी संसद सदस्यता गंवा चुके हैं। वहीं, एमबीबीएस सीट घोटाले में 4 साल की सजा पाने के बाद कांग्रेस के ही राज्यसभा सदस्य काजी रशीद भी अपनी सदस्यता रद्द की जा चुकी हैं। हमीरपुर के विधायक अशोक कुमार सिंह चंदेल, कुलदीप सेंगर और अब्दुल्ला आज़म की भी सदस्यता जा चुकी है। वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान की हेट स्पीच मामले में सजा के बाद विधानसभा की सदस्यता जा चुकी है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी के विधायक रहे विक्रम सैनी की भी सदस्यता ख़त्म कर दी गई थी।
(इनपुट- अंकुर)