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ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की

ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज कर दी।

Reported By : Vishal Pratap Singh Edited By : Niraj Kumar Updated on: December 19, 2023 11:16 IST
ज्ञानवापी मस्जिद- India TV Hindi
Image Source : PTI ज्ञानवापी मस्जिद

इलाहाबाद: ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। इस मामले में सिविल वाद की पोषणीयता को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी गई है। हाईकोर्ट ने मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज कर दी।

 1991 के मुकदमे के ट्रायल को  मंजूरी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज ज्ञानवापी विवाद से जुड़ी पांच याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने पोषणीयता और एएसआई सर्वे के मामले पर मुस्लिम पक्ष की आपत्ति की खारिज कर दी। इसके साथ ही ज्ञानवापी विवाद को लेकर जिला कोर्ट वाराणसी में 1991 में दाखिल अर्जियों पर सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने 1991 के मुकदमे के ट्रायल को  मंजूरी देते हुए वाराणसी की अदालत को 6 महीने में मुकदमे की सुनवाई पूरी करने का भी आदेश दिया है। एएसआई सर्वेक्षण के मामले में भी हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। अब एएसआई का जो सर्वे हुआ है वही मान्य होगा।अगर कुछ और सर्वे करना चाहेंगे तो कोर्ट में हिंदू पक्ष अर्जी दे सकता है। 

 सिंगल बेंच ने सुनाया फैसला

जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाया। सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने 8 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।  तीन याचिकाएं 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किए गए केस की पोषणीयता से जुड़ी हुई थीं जबकि बाकी दो अर्जियां ASI के सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ दाखिल की गई थी। 

वाराणसी की अदालत में 1991 में भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के वाद मित्रों की तरफ से दाखिल मुकदमे में विवादित परिसर हिंदुओं को सौंपे जाने और वहां पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने की मांग की गई थी। साल 1991 में सोमनाथ व्यास - रामनारायण शर्मा और हरिहर पांडेय की तरफ से मुकदमे दाखिल किए गए थे।

मुस्लिम पक्ष और हिंदू पक्ष की दलील

मुस्लिम पक्ष की दलील थी कि 1991 के प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट के तहत आदि विश्वेश्वर के मुकदमे की सुनवाई नहीं की जा सकती है। हिंदू पक्ष की तरफ से दलील दी गई कि यह विवाद आजादी से पहले का है, और ज्ञानवापी विवाद में प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट लागू ही नहीं होगा। मुस्लिम पक्ष की तरफ़ से ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की तीन और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की दो याचिकाओं पर कोर्ट ने फैसला सुनाया है।

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