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यूपी में माफिया डॉन और गुंडों की खैर नहीं, धड़ाधड़ चल रहा बुलडोजर, कोर्ट में जमानत भी नामंजूर

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बसपा विधायक राजू पाल और दो सुरक्षाकर्मियों की दिनदहाड़े हत्या के आरोपी फरहान की जमानत रद्द कर दी है.

Edited By: Kajal Kumari
Published on: March 04, 2023 23:54 IST
अतीक अहमद - India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO ateeq ahmad umesh pal murder case

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बसपा विधायक राजू पाल और दो सुरक्षाकर्मियों की दिनदहाड़े हत्या के आरोपी फरहान की जमानत रद्द कर दी है। सत्र न्यायालय ने 24 नवंबर 2005 को फरहान को जमानत दे दी थी। यह आदेश जस्टिस डीके सिंह ने दिया है। फरहान की जमानत रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपियों ने न सिर्फ जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया बल्कि एक के बाद एक अपराध करते रहे। फरहान के खिलाफ 26 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या के तीन मामले, अपहरण के तीन मामले, जान लेने और हमले के दो मामले और नाबालिग से बलात्कार के मामंले शामिल हैं। इसके अलावा उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट और एससी/एसटी एक्ट के तहत भी मामले दर्ज हैं।

कोर्ट ने जमानत देने से किया मना

कोर्ट ने कहा कि बाहुबली माफिया फरहान भी अतीक अहमद गैंग का सदस्य है और ऐसा लगता है कि धूमनगंज इलाके में पुलिस नहीं बल्कि अतीक अहमद का ही राज है। अदालत ने कहा, "याचिकाकर्ता को रिहा करने से गवाहों और आम नागरिकों के जीवन और सुरक्षा को खतरा है। अदालत ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश को रद्द कर दिया है।"

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2015 के हत्या की साजिश के मामले में बाहुबली माफिया डॉन अतीक अहमद के छोटे भाई, खूंखार अपराधी मोहम्मद अशरफ उर्फ ​​खालिद अजीम को भी जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ 51 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह हाल ही में राजू पाल हत्याकांड के चश्मदीद उमेश पाल की हत्या का भी आरोपी है।

जमानत देते समय अपराध की प्रकृति, साक्ष्य और समाज पर इसके प्रभाव पर विचार किया जाना चाहिए और हत्या, अपहरण जैसे गंभीर अपराधों के अभियुक्तों को जमानत नहीं दी जा सकती है।

इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2021 के रंगदारी मामले में अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी थी। अदालत ने कहा कि "इस तरह के अपराधी" को जमानत पर बढ़ाना न केवल गवाहों के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक निरंतर खतरा होगा। कोर्ट ने कहा कि आरोपी सबसे खूंखार अपराधियों में से एक अतीक अहमद का बेटा है और उसके खिलाफ खुद मामले दर्ज हैं। अहमद पर हत्या के प्रयास और रंगदारी मांगने के मामले में मामला दर्ज किया गया था।

संपत्ति पर धड़ाधड़ चल रहे बुलडोजर

इस बीच, प्रयागराज जिला प्रशासन ने गुरुवार को अतीक अहमद के सहयोगी सफदर अली की संपत्ति को भी ध्वस्त कर दिया। इससे पहले बुधवार को प्रयागराज में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह की हत्या के एक आरोपी की संपत्ति को भी जमींदोज कर दिया गया था। इससे पहले, उमेश पाल हत्याकांड में एक बड़े घटनाक्रम में सोमवार को प्रयागराज के धूमनगंज में नेहरू पार्क इलाके के पास हुई मुठभेड़ में एक आरोपी को गोली मार दी गई।

एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा, आरोपी की पहचान अरबाज के रूप में हुई है, जो उमेश पाल की हत्या में इस्तेमाल की गई कार चला रहा था, जो बसपा विधायक राजू पाल की हत्या सहित कई मामलों में मुख्य गवाह था। पुलिस ने कहा कि अरबाज घायल हो गए और अस्पताल में उनकी मौत हो गई।

यूपी प्रशासन और पुलिस ने ऐसे सभी बदमाशों, गैंगस्टरों और माफियाओं के खिलाफ अभियान शुरू किया है। ऐसे लोगों को शरण देने वालों पर भी कार्रवाई की जा रही है। उमेश पाल और उनके दो सशस्त्र सुरक्षा एस्कॉर्ट्स में से एक को 24 फरवरी को प्रयागराज के सुलेम सराय इलाके में गोली मार दी गई थी। उमेश और उनके बंदूकधारियों पर कई राउंड फायरिंग की गई और बम फेंके गए थे। 

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