उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के मीरगंज तहसील के एसडीएम के पास श्मशान की भूमि पर कब्जे की शिकायत लेकर एक फरियादी पहुंचा था। इस फरियादी को उपजिलाधिकारी ने अपने कार्यालय में ही मुर्गा बना दिया था। मुर्गा बनाये जाने का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसके बाद उन्हें पद से हटाकर जिला मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। वीडियो में उपजिलाधिकारी अपने कार्यालय में एक व्यक्ति को कथित तौर पर मुर्गा बनने के लिए कहते हुए दिख रहे हैं और वह व्यक्ति वीडियो में मुर्गा बना हुआ दिख रहा है।
पद से हटाए गए एसडीएम साहब
बरेली की आयुक्त सौम्या अग्रवाल ने शनिवार को बताया कि मीरगंज तहसील में फरियादी को मुर्गा बनाए जाने के मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। बरेली के जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने बताया कि मीरगंज के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) उदित पवार पर शुक्रवार को एक ग्रामीण को मुर्गा बनाने का आरोप था। इसका कथित वीडियो भी शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया एसडीएम की लापरवाही सामने आई है और उनको जिला मुख्यालय से संबद्ध कर अपर उपजिलाधिकारी देश दीपक सिंह को मीरगंज का एसडीएम नियुक्त किया गया है।
एसडीएम बोले- फरियादी खुद ही बना मुर्गा
उधर, एसडीएम उदित पवार का कहना है कि उन्होंने किसी को मुर्गा बनने के लिए नहीं कहा। पवार ने कहा कि एक युवक उनके कार्यालय में घुसते ही खुद ही मुर्गा बन गया और उसके साथियों ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। पवार ने कहा कि फरियादी युवक ने श्मशान की भूमि पर अवैध कब्जे का आरोप लगाकर कार्यवाही की मांग की थी जिस पर उन्होंने उसे तहसीलदार से जांच कराने का आश्वासन दिया था। पवार ने कहा कि उन्होंने युवक को आश्वस्त किया था कि यदि कब्रिस्तान की भूमि पर कब्जा पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी।
फरियादी युवक बोला- एसडीएम ने धमकाया
वहीं फरियादी युवक का कहना है कि उसके गांव मंडनपुर के श्मशान से कब्जा हटाने की मांग करने पर एसडीएम ने उसे धमकाया और मुर्गा बनने के लिए बाध्य करके अपमानित किया। युवक के मुर्गा बनने पर उसके साथियों ने इसका वीडियो बनाकर प्रसारित कर दिया। मंडनपुर गांव के पप्पू लोधी, रामवीर, महेश आदि का कहना है कि श्मशान की भूमि पर मुसलमानों ने कब्जा कर लिया है और ऐसी स्थिति में किसी हिंदू का निधन होने पर रामगंगा के किनारे अंतिम संस्कार करना मजबूरी बन गया है। उन्होंने कहा कि इन दिनों रामगंगा नदी उफान पर है, इसलिए वहां भी अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता।
(रिपोर्ट- विकास साहनी)
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