बरेली: ''इस्लाम में महिलाओं का सम्मान नहीं होता है, वहां महिलाओं को बहुत ज्यादा पर्दे में रहना पड़ता है। बुर्का पहनना पड़ता है।'' यह कहना है समरीन का जिसने सनातन धर्म अपनाकर अब अपना नाम सुमन रख लिया। समरीन ने घर वापसी कर मित्रपाल के साथ 7 फेरे लिए। मामला यूपी के बरेली का है।
घर से भागकर हिंदू रीति रिवाज से की शादी
बरेली के कुंआ डांडा सेंथल निवासी समरीन उर्फ सुमन यादव 22 साल की है। वह क्लास 5 तक पढ़ी हुई है। समरीन ने कहा, ''एक जनवरी 2002 मेरी जन्म की तारीख है, यही उम्र मेरे आधाकार्ड में भी दर्ज है। मैं बालिग हूं और मुझे अपनी शादी करने का पूर्ण अधिकार है। अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर शादी कर रही हूं।''
'मुस्लिमों में महिलाओं की इज्जत नहीं'
समरीन का कहना है कि उसे इस्लाम धर्म पसंद नहीं है इस वजह से उसने हिंदू धर्म अपनाकर अपने मित्र मित्रपाल से शादी की। समरीन ने कहा कि मुस्लिमों में महिलाओं की इज्जत नहीं है। बिना बुर्के के घर से नहीं निकल सकते, किसी से बात नहीं कर सकते। घर में भी कोई आये तो वहां भी परिवार के लोग नजर रखते हैं यानी घर की बहू को भी एक कमरे में बुर्के में ही कैद की तरह रहना पड़ता है।
इज्जतनगर क्षेत्र के बरकापुर निवासी मित्रपाल से समरीन की मुलाकात एक शादी समारोह में 2 साल पहले हुई थी। इसके बाद दोनों ने एक दूसरे का नंबर लिया और फोन पर लंबे समय तक बातचीत होने लगी। फिर दोनों ने एक दूसरे से शादी करने का फैसला किया और भागकर दोनों ने हिंदू रीति रिवाज से शादी कर ली।
गौमूत्र और गंगाजल से करवाया शुद्धिकरण
मढ़ीनाथ स्थित अगस्त्य मुनि आश्रम के आचार्य पंडित के के शंखधार ने मंत्रोच्चार के द्वारा गौमूत्र और गंगाजल से समरीन का शुद्धिकरण करवाकर उसकी घर वापसी करवाई। उन्होंने समरीन को गायत्री मंत्र बुलवाकर उसका शुद्धिकरण करवाया। इसके बाद पंडित के के शंखधार ने विधि विधान से दोनों की शादी करवाई।
(रिपोर्ट- अनूप मिश्रा)
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