उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट दाखिल में जनहित याचिका में कांग्रेस पार्टी के 99 सांसदों को अयोग्य घोषित करने और पार्टी का चुनाव चिन्ह जब्त करने के साथ पार्टी का पंजीकरण निलंबित करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने वोट के बदले 8500 रुपये का वादा किया था। यह नियमों के खिलाफ है।
सामाजिक कार्यकर्ता भारती सिंह ने अधिवक्ता ओ पी सिंह और शाश्वत आनंद की मदद से जनहित याचिका दाखिल की है। जनहित याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई की संभावना है। याचिका में कहा गया है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जनता को एक गारंटी कार्ड योजना बताई। इसके तहत गरीब, पिछड़े, दलित व अल्पसंख्यकों को चुनाव बाद जुलाई माह से प्रति माह 8500 रुपये उनके बैंक खाते में जमा करने का वायदा किया था। लोकसभा चुनाव के बाद जो वायदा पूरी तरह से झूठा निकला।
हर महीने पैसे देने का किया गया था वादा
याचिका में कहा गया है कि इस वायदे से कांग्रेस सहित सहयोगी दलों को वोट देने वाले को प्रति माह रुपये दिए जाने की गारंटी दी गई थी। इस वायदा पत्र में वोट के बदले रुपये देने का लालच दिया गया। कांग्रेस पार्टी के इस वायदा पत्र पर अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के हस्ताक्षर हैं। इसके साथ ही पावती रसीद भी है, जिससे लोगों को विश्वास हो गया कि वोट देने पर रुपये मिलेंगे। इसको लेकर चुनाव आयोग ने 2 मई 24 को एडवाइजरी भी जारी की थी, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उस पर अमल नहीं किया।
चुनाव आयोग ने नहीं की कार्रवाई
याचिकाकर्ता का कहना है कि कांग्रेस पार्टी का यह कृत्य जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 121(1) (ए) का खुला उल्लंघन है। इसके साथ ही भारतीय न्याय संहिता व भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय अपराध है। याचिकाकर्ता ने कार्रवाई करने के लिए चुनाव आयोग को प्रत्यावेदन दिया है, लेकिन आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद यह जनहित याचिका दायर की गई है।
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