बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़ियों के आतंक का खौफ लोगों के चेहरे पर साफ देखा जा सकता है। यहां भेड़िये के हमलों में 8 बच्चों समेत कुल 9 लोगों की मौत हो चुकी है। इन नरभक्षी भेड़ियों को पकड़ने में वन विभाग का अमला जुटा है। कुछ भेड़िए पकड़ में आ चुके हैं लेकिन अभी भी ग्रामीणों पर भेड़िए के हमले जारी हैं। इतना ही नहीं अब आसपास के जिलों में भी इनका आतंक फैल रहा है। इस बीच अब प्रशासन ने इन नरभक्षी भेड़ियों को खत्म करने का प्लान बनाया है। नरभक्षी भेड़ियों को मारने के लिए प्रभावित इलाकों में शूटर तैनात कर दिए गए हैं।
चार सेक्टर्स में बांटकर नरभक्षी की तलाश
गोंडा के मुख्य वन्य संरक्षक एपी सिन्हा ने बताया कि इन आदमखोड़ भेड़ियों से प्रभावित इलाकों को चार सेक्टर्स में बांटा गया है। हर सेक्टर में टीम को तैनात किया गया है जो इलाके में गश्त करेगी। इस टीम का मूवमेंट रात में भी होगा। इस टीम की हर गाड़ी में दोनाली बंदूक होगी। दरअसल,कुछ भेड़िए तो वन विभाग के पिंजरे में फंस गए लेकिन कुछ आदमखोर भेड़िए अभी भी पकड़ से बाहर हैं और ये लगातार रिहायशी इलाकों में हमले कर रहे हैं। इसलिए इन्हें मारने के आदेश दिए गए हैं।
घाघरा नदी के किनारे भेड़ियों का मूवमेंट
उन्होंने बताया कि दरअसल, भेड़िया बहुत चालाक है और वह शिकार के लिए पहले रेकी करता है। बच्चे को ऑब्ज़र्व करता है। कैसे शिकार करना है, शिकार की जगह आदि का पहले ही मुआयना कर लेता है उसके बाद वह हमला करता है। जानकारी के मुताबिक भेड़िए का मूवमेंट साउथ से नार्थ है। घाघरा नदी के किनारे इसका मूवमेंट ऑब्जर्व किया गया है। एपी सिन्हा ने बताया, हालांकि इस इलाके में भेड़ियों की मौजूदगी पहले से रही है। लेकिन एक थ्योरी यह भी है कि हो सकता है कि जिन भेड़ियों को झुंड से बहिष्कृत कर दिया गया हो वे रिहायशी इलाकों में हमले कर रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि ये नरभक्षी भेड़िए झुंड में हो सकते हैं। सच क्या है ये तो आने वाले दिनों में पता चलेगा।
बच्चे भेड़ियों के आसान शिकार
उन्होंने बताया कि भेड़िया शिकार के दौरान जब किसी जानवर को पकड़ता है तो जानवर खुद को बचाने की पूरी कोशिश करता है, वहीं बच्चे इसका आसान शिकार हो जाते हैं। क्योंकि वे ज्यादा प्रतिरोध नहीं कर पाते और भेड़िया आसानी से शिकार बना लेता है। वहीं मनुष्य का गोश्त नमकीन होता है इसलिए भी भेड़िए नरभक्षी बनने के बाद रिहायशी इलाकों पर हमले करते हैं।