उत्तर प्रदेश के जालौन के पचोखरा धाम में चल रहे पंच कुंडीय श्री राम महायज्ञ में शामिल होने के लिए सोमवार को बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पहुंचे। इस दौरान उन्हें देखने के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। इसे देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा। पुलिस प्रशासन की सतर्कता के चलते भीड़ को काबू किया गया। बागेश्वर बाबा के आते पंडाल जय श्री राम और बागेश्वर धाम के जयकारों से गूंज उठा। बागेश्वर बाबा ने मंच पर आने साथ बुंदेलखंडी स्टाइल में लोगों का अभिवादन किया।
हिंदू राष्ट्र और सनातन धर्म को लेकर क्या बोले?
इस दौरान बाबा बागेश्वर ने हिंदू राष्ट्र और सनातन धर्म के बारे में बताया। उन्होंने कहा देश को हिंदू राष्ट्र बनाना है, तो इसके लिए हमें अपने धर्म और अपनी संस्कृति को खुलकर प्रचार और समर्थन करना होगा। उन्होंने कहा कि जैसे सभी धर्म के लोग अपने-अपने वेशभूषा पहनकर अपने धर्म की पहचान कराते हैं वैसे ही आप सभी सनातनियों को माथे पर तिलक लगाना आवश्यक है, जिससे हमारे धर्म की पहचान होती है और इससे हमारी संस्कृति मजबूत होती है।
श्री राम महायज्ञ और श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन
दरअसल, गोलोकवासी श्रीमत स्वामी राजेश्वरानंद महाराज के जन्मोत्सव के मौके पर पचोखरा धाम में पंच कुंडीय श्री राम महायज्ञ और श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन 27 सितंबर तक किया जा रहा है। इसमें शामिल होने के लिए बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पहुंचते ही पंडाल जय श्री राम और बागेश्वर धाम की जयकार से गूंज उठा। वह सबसे पहले विश्व विख्यात संत गोलोकवासी राजेश्वरानंद उर्फ राजेश रामायणी की समाधि स्थल पर पहुंचे। वहां पर उन्होंने उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए वंदन अभिनंदन किया। इसके बाद वह मंच पर पहुंचे।
बागेश्वर बाबा को देखने के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़
बागेश्वर बाबा की एक झलक देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। पंडाल में सुबह से ही उनके अनुयायी एकत्रित हो गए थे। मंच से उन्होंने सभी को कथा का रसपान कराया। श्रद्धालुओं ने बागेश्वर धाम से मिलने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा एवं भारी पुलिस बल होने के चलते श्रद्धालु धीरेंद्र शास्त्री के आस-पास भी नहीं जा सके।
पचोखरा अब हमेशा आता रहूंगा: धीरेंद्र शास्त्री
इस दौरान बाबा बागेश्वर ने कहा जालौन के पचोखरा से उनका पुराना नाता है। उन्होंने कहा कि यहां पर राजेश्वरानंद रामायणी जैसे महान संत का जन्म हुआ, जिन्होंने इस जगह से पूरे विश्व में परचम फैला दिया है और उनके मुख से निकले श्री वचनों का हम अनुसरण करके बड़े हुए हैं। उनके ज्ञान की सागर से हमने भी गोते खाए हैं और हम लगातार इतने सरल और सौम्य संत का आशीर्वाद हमेशा से लेते रहे हैं। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं यहां पर पहली बार आया हूं और अब हमेशा आता रहूंगा। उन्होंने कहा कि पचोखरा अब उनका गांव है। अब उनका आना-जाना लगा रहेगा।
- वरुण द्विवेदी की रिपोर्ट