रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक अदालत ने डूंगरपुर प्रकरण में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को बड़ी राहत दी है। MP-MLA कोर्ट ने डूंगरपुर इलाके में लोगों को उनकी जमीन से जबरन बेदखल करने और घरों को तोड़ने के 5 साल पुराने मामले में आजम खान को बुधवार को बरी कर दिया है। राज्य में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद खान और 5 अन्य लोगों के खिलाफ वर्ष 2019 में मुकदमा दर्ज किया गया था। आजम खान पर आरोप था कि उन्होंने लोगों को उनके घरों से बेदखल किया और मकानों को ध्वस्त करने का काम किया।
अभी जेल में ही रहेंगे आजम
अदालत से राहत मिलने के बावजूद आजम खान अभी भी सीतापुर जेल में ही रहेंगे क्योंकि वह कई अन्य मुकदमों के सिलसिले में जेल में बंद हैं। पीड़ित इदरीस नाम के व्यक्ति ने थाना गंज में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसपर सांसद-विधायक अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद सभी आरोपियों को बरी कर दिया। सीतापुर जेल में बंद आजम खान स्वास्थ्य खराब होने के कारण अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए। जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा ने बताया, ‘आजम खान और 5 अन्य को इस मामले में बरी कर दिया गया। खान के साथ-साथ ठेकेदार बरकत और 4 अन्य को भी इस मामले में बरी किया गया है।’
क्या है यह डूंगरपुर प्रकरण?
डूंगरपुर प्रकरण वर्ष 2016 का है जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और आजम खान कैबिनेट मंत्री थे। उन्होंने डूंगरपुर में पुलिस लाइन के पास गरीबों के लिए आसरा आवास बनवाया था। उन पर आरोप लगे कि इस दौरान कुछ लोगों के पहले से बने मकानों को सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण बताकर तोड़ दिया गया था। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद 2019 में गंज कोतवाली में दर्ज मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि आजम के इशारे पर पुलिस और सपा के कार्यकर्ताओं ने बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए घरों को जबरन खाली कराया, उनका सामान लूट लिया गया और मकानों पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया गया।