अयोध्या में 22 जून की प्री-मानसून की बारिश शुरू हुई। इस बारिश से रामपथ में जगह-जगह गड्ढे दिखने शुरू हो गए। इस पर पीडब्ल्यूडी विभाग ने मौसम को दोषी बताते हुए कहा कि 22 जून की रात को 102mm बारिश हुई 25 की रात को 176mm बारिश हुई। अयोध्या में इन दो दिन बहुत तेज़ बारिश हुई। बता दें कि अयोध्या में राम पथ पिछले साल ही बना था, सड़क बनने के बाद ये पहली बारिश थी। अब इस पर लोग सवाल कर रहे कि पहली ही बारिश में ये हाल क्यों?
क्यों हो रहा जलजमाव?
इस पर पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि पूरे रामपथ में सीवर लाइन 6 से 8 मीटर गहरी पड़ी है, जिसके लिए गड्ढा खोदते है बड़ा-सा पाइप डालते फिर मैनहोल बनाते है, जिसमें बालू का इस्तेमाल होता है। पानी ज़्यादा बरसने से बालू बैठ गई और गढ्ढे हो गए जिनकी मरम्मत फ़िलहाल करा दी गई है। हालांकि सवाल है कि आखिर अयोध्या में वाटर लॉगिंग की इतनी समस्या क्यों हो रही है?
इस समय अयोध्या को री-डेवलप किया जा रहा है। नई-नई सड़कें और सीवर डालने का काम चल रहा है, जिसके चलते नई सड़कें घरों और दुकानों के लेवल से ऊपर हो गईं हैं। घरों की नालियों का सीवर से कनेक्शन नहीं हुआ है, जिसके चलते बारिश का पानी निकल नहीं पा रहा है।
अयोध्या के री-डेवलपमेंट में कितना पैसा लग रहा है?
योगी सरकार ने अयोध्या के विकास के लिए कुल 57,136.21 करोड़ का बजट पास किया है। फर्स्ट फेज में 240.89 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सेंकेड फेज में 484 करोड़ रुपये अयोध्या की तस्वीर बदलेंगे। वही सिर्फ रामनगरी की सड़कों के निर्माण के लिए 37,394.55 करोड़ का बजट अलॉट किया गया है। जबकि पुराने रेलवे स्टेशन के पुनर्निर्माण पर 140 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। हालांकि अयोध्या के PWD विभाग का दावा है कि जो भी पानी भरा था उसे निकाल दिया गया है।
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