Friday, November 22, 2024
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अयोध्या : राम मंदिर में होगा अपना वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और पावर सब स्टेशन

ट्रस्ट के अनुसार मंदिर परिसर में एक सीवेज उपचार संयंत्र, जल उपचार संयंत्र, अग्नि सुरक्षा के लिए जल आपूर्ति और एक स्वतंत्र बिजली उपकेंद्र होगा। इसके अलावा 25 हजार लोगों की क्षमता वाले एक तीर्थयात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) का निर्माण किया जा रहा है।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Updated on: January 05, 2024 0:11 IST
राम मंदिर- India TV Hindi
Image Source : PTI राम मंदिर

अयोध्या (उप्र):   अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की देखरेख कर रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर की विभिन्न विशेषताओं के बारे में बृहस्पतिवार को जानकारी साझा की। इसके मुताबिक राम मंदिर का अपना जल उपचार संयंत्र और एक बिजली उपकेंद्र होगा। ट्रस्ट के अनुसार मंदिर परिसर में एक सीवेज उपचार संयंत्र, जल उपचार संयंत्र, अग्नि सुरक्षा के लिए जल आपूर्ति और एक स्वतंत्र बिजली उपकेंद्र होगा। इसके अलावा 25 हजार लोगों की क्षमता वाले एक तीर्थयात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) का निर्माण किया जा रहा है जिसमें तीर्थयात्रियों के लिए चिकित्सा और लॉकर की सुविधा होगी। 

स्वदेशी तकनीक से निर्माण

ट्रस्ट द्वारा सोशल मीडिया पर जारी की गई जानकारी के मुताबिक मंदिर का निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है। इसका निर्माण पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष जोर देते हुए किया जा रहा है और ट्रस्ट के अनुसार 70 एकड़ क्षेत्र के 70 प्रतिशत हिस्से को हरा-भरा रखा गया है। मंदिर में निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए समारोह 22 जनवरी को निर्धारित है जिसमें प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। 

नागर शैली में मंदिर का निर्माण

ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया जा रहा है जिसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। मंदिर तीन मंजिला है, जिसकी प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची है। इसमें कुल 392 खंभे और 44 दरवाजे हैं। मुख्य गर्भगृह में भगवान राम का बाल स्वरूप (श्री राम लला की मूर्ति) होगा और पहली मंजिल पर श्री राम दरबार होगा। ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से सिंह द्वार से होगा। परिसर के चारों कोनों पर सूर्य देव, देवी भगवती, भगवान गणेश और शिव को समर्पित चार मंदिर होंगे। 

ट्रस्ट ने बताया कि मंदिर की नींव का निर्माण रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट (आरसीसी) की 14 मीटर मोटी परतों से किया गया है, जो इसे कृत्रिम चट्टान का रूप देता है। सीलन से सुरक्षा के लिए ग्रेनाइट का उपयोग करके 21 फुट ऊंचे चबूतरे का निर्माण किया गया है। (भाषा)

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