अतीक अहमद की गुंडागर्दी का सबसे नया सबूत इंडिया टीवी के हाथ लगा है। साबरमती जेल में बैठकर भी अतीक लोगों को धमकाने से बाज नहीं आता था। अतीक के व्हाट्सऐप चैट से खुलासा हुआ है कि किस तरह वो सलाखों के पीछे से वसूली का रैकेट चलाता था। मुस्लिम नाम के एक बिल्डर को अतीक ने अपने बेटों को पैसा पहुंचाने को कहा था। इसी चैट में अतीक ने ये भी लिखा कि उसके बेटे ना डॉक्टर बनेंगे ना वकील बनेंगे।
अतीक ने अपने बेटों को पैसा पहुंचाने का कहा
साबरमती जेल में बंद रहने के दौरान की अतीक अहमद की धमकी वाली चैट अब वायरल हो रही है। सामने आया है कि साबरमती जेल से अतीक ने व्हाट्सऐप किया था। इस चैट में अतीक ने मुस्लिम नाम के शख्स को धमकी दी थी। इसमें अतीक ने अपने बेटों असद और उमर को पैसे देने के लिए कहा था। अतीक ने कहा था कि जल्दी हालात बदल जाएंगे। अतीक ने इस चैट में ये भी कहा था कि मैं मरने वाला नहीं हूं।
"मैं मरने वाला नहीं हूं, जल्दी ही हालात बदल जाएंगे"
अपनी व्हाट्सऐप चैट में अतीक जिस मुस्लिम नाम के शख्स को धमकी दे रहा है, वो आदमी एक बिल्डर बताया जा रहा है। ये व्यक्ति अकामा बिल्डर का मालिक बताया जा रहा है और लखनऊ का रहने वाला है। इस चैट में अतीक ने मुस्लिम नाम के शख्स को धमकी देते हुए लिखा कि असद और उमर को पैसा दे दो। मैं मरने वाला नहीं हूं। एक्सरसाइज करता हूं, दौड़ता हूं। जल्दी ही हालात बदल जाएंगे।
"मेरे कोई लड़के ना डॉक्टर बनेंगे ना वकील बनेंगे"
अतीक अहमद के व्हाट्सऐप मैसेज में लिखा, "मुस्लिम साहब पूरे इलाहाबाद में बहुतों ने हमसे फायदा उठाया लेकिन सबसे ज्यादा तुम्हारे घर ने उठाया। आज तुम्हारे जैसे ग*#*- ग$% लोग हमारे खिलाफ एफआईआर करा रहे हैं और पुलिस की शह में काम कर रहे हैं। मैं आपको आखिरी बार समझा रहा हूं बहुत जल्द सारे हालात बदल रहे हैं। मैंने सब्र कर लिया है, मेरे कोई लड़के ना डॉक्टर बनेंगे ना वकील बनेंगे और सिर्फ हिसाब होना है और इंशाअल्लाह जहां तक आपका घर है कोई जान से मारने लायक नहीं है। लेकिन मैं एक वादा कर रहा हूं आपसे, अच्छे, मुस्लिम और मुस्लिम का ससुर, ये तीन लोग पेट भर मार खाएंगे।
"कम लफ्जों में ज्यादा समझ लो..."
अतीक ने मुस्लिम को धमकी देते हुए चैट में लिखा, "मैं आपको आखिरी बार कह रहा हूं आप मेरे बेटे से ईडी ईडी कर रहे हैं, ईडी ने अभी आपका पैसा सीज तो किया नहीं। बेहतर ये है कि हमारे बेटे उमर का जो हिसाब है और असद ने जो पैसा दिया है, उसकी हमें इलेक्शन में जरूरत है। हमारी आपसे कोई दुश्मनी तो नहीं, आपके घर ने अपनी किस्मत और अपनी अक्ल से कमाया है। लेकिन हमारे जो पैसे हैं तो उसको तुरंत दे दें तो वो इस वक्त हमारे बहुत काम आएगा और शायद आपके तरफ से ध्यान हट जाए। कम लफ्जों में ज्यादा समझ लो मैं अभी मरने वाला नहीं हूं, इंशाअल्लाह एक्सरसाइज करता हूं, दौड़ता हूं, बेहतर है हमसे आकर मिल लो। अतीक अहमद, साबरमती जेल, अहमदाबाद।"
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