Sunday, November 17, 2024
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'तत्काल वापस लें, अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करें', योगी सरकार के इस विधेयक पर भड़कीं अनुप्रिया पटेल

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने नजूल भूमि संबंधी विधेयक वापस लेने की मांग की है। अनुप्रिया पटेल ने सीएम योगी से कहा है कि इस बिल को तुरंत वापस लें और गुमराह करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करे।

Reported By : Vishal Pratap Singh Edited By : Mangal Yadav Updated on: August 02, 2024 6:26 IST
अनुप्रिया पटेल- India TV Hindi
Image Source : PTI अनुप्रिया पटेल

लखनऊः  भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने यूपी सरकार के नजूल भूमि संबंधी विधेयक पर सवाल उठाए हैं और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। अनुप्रिया पटेल ने एक्स हैंडल पर कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को इस विधेयक को तत्काल वापस लेना चाहिए और इस मामले में जिन अधिकारियों ने गुमराह किया है उनके खिलाफ सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए।

अनुप्रिया पटेल ने कहा जन मानस की भावनाओं के विपरीत है बिल

 अनुप्रिया पटेल ने कहा कि नजूल भूमि संबंधी विधेयक को विमर्श के लिए विधान परिषद की प्रवर समिति को भेज दिया गया है। व्यापक विमर्श के बिना लाये गये नजूल भूमि संबंधी विधेयक के बारे में मेरा स्पष्ट मानना है कि यह विधेयक न सिर्फ़ गैरज़रूरी है बल्कि आम जन मानस की भावनाओं के विपरीत भी है।

 विधान परिषद में पारित नहीं हो सका नजूल संपत्ति विधेयक

बता दें कि विधानसभा से बुधवार को पारित किया गया उत्तर प्रदेश नजूल सम्पत्ति विधेयक को विधान परिषद की मंजूरी नहीं मिली और सत्ता पक्ष के प्रस्ताव पर ही इसे सदन की प्रवर समिति के पास भेज दिया गया। परिषद में बृहस्पतिवार को भोजनावकाश की कार्यवाही के बाद नेता सदन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस विधेयक को सदन के पटल पर रखा। मगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने इसे प्रवर समिति के सुपुर्द करने का प्रस्ताव रख दिया।

उन्होंने कहा कि उनका प्रस्ताव है कि इस विधेयक को सदन की प्रवर समिति के सुपुर्द कर दिया जाए जो दो माह के अंदर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करे। इसके बाद सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने इस विधेयक को प्रवर समिति के सुपुर्द किए जाने के प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित घोषित कर दिया। 

कई विधायकों ने विधेयक में संशोधन की अपील की

राज्य विधान परिषद के 100 सदस्यीय सदन में भाजपा के 79 सदस्य हैं। ऐसे में इस विधेयक को पारित नहीं किया जाना खासा अहम माना जा रहा है। विधानसभा में बुधवार को पारित किए जाने से पहले इस पर संशोधन के प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों ने भी इसमें संशोधन की जरूरत बताई थी। हालांकि बाद में इसे ध्वनि मत से पारित घोषित कर दिया गया था। 

(भाषा इनपुट के साथ)

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