यूपी के अमेठी में गुरुवार की शाम घर में घुसकर एक ही परिवार के 4 लोगों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया। बदमाशों ने एक के बाद एक 9 राउंड फायर किए और पूरे परिवार की हत्या कर दी। अभी तक आरोपियों की पहचान नहीं हो पाई है। शुरुआती जांच पर पुलिस हत्या के पीछे की वजह पुरानी रंजिश मान रही है। वहीं, आरोपियों की तलाश में पुलिस की चार टीमें लगाई गई है। साथ ही एसटीएफ भी आरोपियों की तलाश में जुटी है। केस को सुलझाने की जिम्मेदारी एक बार फिर डीएसपी डीके शाही के कंधों पर आ गई है। डीके शाही ने ही सुल्तानपुर डकैती का खुलासा किया था।
आंगन में बिखरी पड़ी थीं लाशें
घटना अमेठी के शिवरतनगंज थाना इलाके के अहोरवा भवानी चौराहे की है जहां किराए का कमरा लेकर सुनील कुमार भारती परिवार के साथ रहते थे। सुनील भारती रायबरेली के जगतपुर थाना इलाके के सुदामापुर गांव के रहने वाले थे और अमेठी में सिंहपुर ब्लॉक के पनौहना कंपोजिट विद्यालय सहायक टीचर थे। इस हत्याकांड में टीचर सुनील कुमार, उनकी पत्नी पूनम भारती और 5 व डेढ़ साल की दो बेटियों की मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस को घर के आंगन में नल के पास पति-पत्नी के शव मिले जबकि थोड़ी ही दूर पर उनकी दोनों मासूम बेटियों के शव पड़े थे। घटना के बाद सुनील की मां का रो रोकर बुरा हाल है। सुनील के गांव वाले भी इस हत्याकांड के बाद सदमे में हैं।
पूरे परिवार का हत्यारा कौन?
घर के अंदर हुए इस हत्याकांड के बाद पुलिस और एसटीएफ हत्यारों की तलाश में जुट गई है। मामले की जांच डीएसपी डीके शाही को दी गई है जिन्होंने सुल्तानपुर डकैती का खुलासा किया था। वहीं वारदात के बाद मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने घर से कुछ अहम सबूत जुटाए हैं। पुलिस की जांच में अब तक जो सामने आया है उसके मुताबिक हत्या के बाद बदमाशों ने घर की किसी भी चीज को हाथ नहीं लगाया मतलब लूटपाट उनका मकसद नहीं था, वह सिर्फ हत्या करने के लिए ही आए थे।
क्या छेड़छाड़ की FIR बनी हत्या की वजह?
हत्याकांड के पीछे एक थ्योरी ये भी सामने आ रही है कि 18 अगस्त को सुनील भारती की पत्नी पूनम ने रायबरेली कोतवाली में चंदन वर्मा नाम के शख्स के खिलाफ छेड़छाड़ और SC/ST एक्ट में एक मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि क्या इस हत्याकांड का उससे कोई लिंक है या नहीं।
पुलिस की नौकरी भी कर चुका है मृतक सुनील
मृतक सुनील के पिता रामगोपाल ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं। मजदूरी के बाद वह जैसे ही घर आए उन्हें सूचना मिली कि उनके बेटे, बहू और बच्चों को मार दिया गया है। रामगोपाल ने बताया कि उनका बेटा पहले ईंट भट्ठे पर ईंट पाथने का काम करता था। नरेगा में काम किया, मेहनत मजदूरी की दुकान भी खोली लेकिन साथ मे पढ़ाई भी की। पढ़ाई करके उसने पुलिस की नौकरी भी हासिल की थी। वह एक साल तक पुलिस की नौकरी में रहा। पुलिस की नौकरी में उसका मन नहीं लगा तो उसके बाद उसने टीचर बनने की ठानी और वह सरकारी टीचर बन गया।
CM योगी ने दिए सख्त कार्रवाई के आदेश
अमेठी में हुए इस निर्मम हत्याकांड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है, साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन के आदेश दिए हैं। वहीं अब इस मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर योगी सरकार पर सवाल उठाए हैं। वहीं, रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने कहा कि यदि इंसाफ मिलता न दिखा तो वो खुद अमेठी जाएंगे। उन्होंने इस मुद्दे पर अमेठी के सांसद केएल शर्मा से फोन पर बात भी की है।
अमेठी में सरेआम इस वारदात को अंजाम किसने दिया, अभी तक ये साफ नहीं हो सका है। वारदात को इतने शातिर तरीके से अंजाम दिया गया कि किसी ने भी हत्यारों को नहीं देखा। फिलहाल पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है क्योंकि घटना का अभी तक कोई चश्मदीद सामने नहीं आया है। ऐसे में पुलिस के सामने आरोपियों की पहचान करना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
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