बलिया: यूपी के बलिया जिले में पड़ रही भीषण गर्मी से मरीजों की संख्या और मृतकों की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई है। 15,16 और 17 जून यानि तीन दिन के भीतर हीटस्ट्रोक से बुखार, सांस फूलने आदि विभिन्न कारणों से करीब चार सौ मरीज जिला अस्पताल में भर्ती हुए है जिसमें 15 जून को 23, 16 जून को 20 और 17 जून को 11 यानि कुल 54 मरीजों की मौत हो गई है। इस बारे में अपर स्वाथ्य निदेशक का कहना है कि मरने वालों की संख्या अचानक से बढ़ गई है। क्या कारण है इसकी जांच करने के लिए लखनऊ से टीम आ रही है? जांच के बाद ही पता चलेगा।
स्वास्थ्य निदेशक का अजीबोगरीब बयान
निदेशक का कहना है कि हो सकता है ऐसी कोई बीमारी हो जो पकड़ में नहीं आ रही हो। दूसरी बात ये कि गर्मी और जाड़ा जब ज्यादा पडता है तो सांस के मरीज, डायबिटीज के मरीज, बीपी के मरीजों की मौत के आंकड़े बढ़ जाते हैं। ऐसे में गर्मी बढ़ी है, तापमान बढ़ा है तो हो सकता है कि ये उसका असर हो और बीमारियां उभर गई हों और इसके कारण इस तरह मरीजों की मौत की संख्या अचानक बढ़ गई है।
वहीं जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि जिला अस्पताल के सभी कर्मचारी अलर्ट मोड में है। अब तक बीते तीन दिन में 54 मरीजों की मौत हो चुकी है जबकि तीन दिन में करीब चार सौ मरीज जिला अस्पताल में भर्ती हुए हैं।
अस्पताल की स्थिति की खुली पोल, नहीं मिल रहे स्ट्रेचर
वहीं जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ने से अस्पताल की स्थिति की पोल खुल गई है। मरीजों को स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है और परिजन अपने मरीजों को कंधे पर उठाकर इमरजेंसी तक ले जा रहे हैं। इस सवाल पर अपर स्वास्थ्य निदेशक का कहना है एक साथ दस मरीज आ जाएंगे तो स्ट्रेचर मिलने में थोड़ा टाइम लगेगा अस्पताल में स्ट्रेचर उपलब्ध है।
बलिया में भीषण गर्मी का प्रकोप
यूपी के बलिया जिले में भीषण गर्मी और हीटस्ट्रोक का कहर जारी है। दिन में आसमान से अंगारे बरस रहे हैं तो वहीं रात में भी राहत नहीं मिल रही है। आसमान से आग उगलते धूप का प्रकोप इतना विकराल हो गया है कि अब लोगों की जान मुश्किल में है। बलिया जिले में पिछले दो दिन से 43-44 डिग्री सेल्सियस के ऊपर तापमान चल रहा है। डायरिया और लू के मरीजों से सरकारी व निजी अस्पताल के बेड फुल हो गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तीन दिनों में 74 मौतें
प्रचंड गर्मी और लू के बीच बलिया जिला अस्पताल के आंकड़े भयावह हैं,आकंड़ों के मुताबिक, बीते तीन दिन में ही हीट स्ट्रोक से मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 74 लोगों की मौत हुई है। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में आने वाले अधिकतर मरीजों की मौत हो जा रही है। जिला अस्पताल की इमरजेंसी और वार्डों में भर्ती मरीजों की अचानक मौत की संख्या में इजाफा होने के कारण नि:शुल्क शव वाहन तक नहीं मिले। लोगों को निजी वाहनों से शव लेकर जाना पड़ा। कर्मचारियों के अनुसार, कोरोना संक्रमण के दौरान भी एक दिन में इतनी मौतें नहीं हुई थीं।
बुजुर्गों की ज्यादा हो रही मौतें
गंगा घाटों पर पूरी रात चिता की आग शांत नहीं हो रही है। 50 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग सबसे ज्यादा मौत की चपेट में आ रहे हैं। अचानक मौत के आंकड़ों में इजाफा होने से अस्पताल प्रशासन में खलबली मची है। आनन-फानन में इमरजेंसी कक्ष, इमरजेंसी वार्ड सहित अन्य वार्डों में कूलर और एसी लगवाने दावा किया जा रहा है। डीएम बलिया ने भी जिला अस्पताल का दौरा कर बताया कि यहां सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त है। डीएम बलिया कहीं न कहीं मौत के आकड़ों पर पर्दा डालते नजर आए।
(बलिया से अमित कुमार की रिपोर्ट)