प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट से पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को बड़ी राहत मिली है। नोएडा के दादरी थाने में अखिलेश यादव के खिलाफ फरवरी 2022 में एक मुकदमा दर्ज कराया गया था। उनके खिलाफ यह मुकदमा आचार संहिता का उल्लंघन करने और कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर दर्ज कराया गया था। वहीं मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच चार्जशीट दाखिल कर दी थी। इसके बाद अखिलेश यादव ने इसे लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर चार्जशीट को चुनौती दी थी। फिलहाल कोर्ट ने इस मामले में अखिलेश यादव को राहत दे दी है।
दादरी थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा
दरअसल, पूरा मामला साल 2022 का है। इस दौरान नोएडा के दादरी थाने में अखिलेश यादव के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया गया था। अब जाकर इस मामले में अखिलेश यादव को राहत मिली है। अखिलेश को राहत देते हुए कोर्ट ने पुलिस की चार्जशीट और आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। अखिलेश यादव और जयंत चौधरी समेत 400 कार्यकर्ताओं पर फरवरी 2022 में बगैर अनुमति के नाइट कर्फ्यू के दौरान विजय यात्रा निकालकर भारी भीड़ जुटाने का आरोप लगा था। इस मामले में अखिलेश यादव के खिलाफ आचार संहिता का उल्लंघन और कोविड 19 के नियमों के उल्लघंन के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था।
कोर्ट ने लगाई रोक
वहीं मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच कर चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद अखिलेश यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पुलिस की इस चार्जशीट को चुनौती दी थी। कोर्ट ने पुलिस की चार्जशीट का संज्ञान लिया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने अखिलेश यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए चार्जशीट और आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता इमरान उल्ला और विनीत विक्रम ने कोर्ट में कोर्ट में अखिलेश यादव का पक्ष रखा। बता दें कि नामजद किए गए लोगों में दादरी विधानसभा प्रत्याशी राजकुमार भाटी और सपा जिलाध्यक्ष इंदर प्रधान समेत दस से अधिक नेताओं के नाम शामिल थे। इसके साथ ही जुलूस के दौरान की वीडियो की जांचकर लोगों की पहचान की गई थी।
(प्रयागराज से इमरान लईक की रिपोर्ट)
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