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गोहत्या केस की सुनवाई पर जज बोले- गोहत्या पर लगे बैन, नरक में सड़ता है गाय काटने वाला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पर आगे कहा कि सभी धर्मों का सम्मान करना महत्वपूर्ण है। क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्मों समेत सभी उन धर्मों का सम्मान करना चाहिए जो गाय को दैवीय मानते हैं।

Written By: Avinash Rai
Published : Mar 05, 2023 12:03 IST, Updated : Mar 05, 2023 13:25 IST
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Image Source : INDIA TV इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोहत्या पर कही ये बात...

High Court Comment On Cow Slaughter: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस शमीन अहमद द्वारा गोहत्या पर टिप्पणी की है। बेंच ने हिंदू धार्मिक ग्रंथों का हवाला देते हुए यह कहा है कि गाय की हत्या करने वाले व्यक्ति को नरक मिलती है और वह नरक में सड़ता है। आगे उन्होंने गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने की बात कही। साथ ही गाय को संरक्षित पशु घोषित करने को भी कहा। यह अपील जस्टिस शमीन अहमद ने केंद्र सरकार से की है। कोर्ट द्वारा इस मामले पर एक मवेशी की हत्या मामले में एक आरोपी व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

न्यायधीश बोले- गाय का है महत्व

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पर आगे कहा कि सभी धर्मों का सम्मान करना महत्वपूर्ण है। क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्मों समेत सभी उन धर्मों का सम्मान करना चाहिए जो गाय को दैवीय मानते हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाय के महत्व को बताते हुए कहा कि गाय से पंचगव्य प्राप्त होता है। यानी पांच उत्पाद जैसे दूध, मक्खन, घी, दही, मूत्र और गोबर। उन्होंने कहा कि गाय के चार पैर चार वेदों के प्रतीक हैं। गाय का चेहरा सूर्य और चंद्रमा का प्रतीक है। गाय का कंधान अग्नि की प्रतीक है और गाय का सींग देवताओं का प्रतीक है।

क्या कहा न्यायधीश ने

आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति अहमद ने कहा गाय विभिन्न देवी-देवताओं से भी जुड़ी हुई है. खास तौर से भगवान शिव (जिनकी सवारी है, नंदी), भगवान इन्द्र (कामधेनु गाय से जुड़े हैं) भगवान कृष्ण (जो बाल काल में गाय चराते थे) और सामान्य देवी-देवता। उन्होंने कहा, ‘‘किंवदंतियों के अनुसार, वह (गाय) समुन्द्रमंथन के दौरान दूध के सागर से प्रकट हुई थी। उसे सप्त ऋषियों को दिया गया और बाद में वह महर्षि वशिष्ठ के पास पहुंचीं।’’ न्यायमूर्ति ने आगे कहा, ‘‘उसके (गाय) पैर चार वेदों के प्रतीक हैं, उसके दूध का स्रोत चार पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) है, उसके सींग देवताओं का प्रतीक हैं, उसका चेहरा सूर्य और चंद्रमा और उसके कंधे अग्नि या अग्नि के देवता हैं। गाय को अन्य रूपों में भी वर्णित किया गया है, जैसे नंदा, सुनंदा, सुरभि, सुशीला और सुमना। 

(इनपुट-पीटीआई)

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