प्रयागराज: अयोध्या में 1990 में कारसेवकों पर समाजवादी पार्टी (सपा) की तत्कालीन सरकार द्वारा गोली चलवाने को जायज ठहराने के पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बुधवार को यहां कहा कि ऐसे बयान देने वाले पार्टी नेता अखिलेश यादव के ‘रट्टू तोता’ हैं। यहां एक कार्यक्रम के दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने संवाददाताओं से कहा, “500 साल की प्रतीक्षा के बाद भगवान राम का मंदिर बन रहा है। ऐसे समय में इस तरह के बयान के लिए मैं (सपा प्रमुख) अखिलेश यादव की निंदा करता हूं। उनके जो भी नेता कुछ बोलते हैं, वे अखिलेश यादव का लिखा हुआ केवल पढ़ते हैं। वे रट्टू तोता हैं और एक शब्द कम ज्यादा नहीं बोल सकते।”
हर राम भक्त, हर राष्ट्र भक्त का मंदिर
उन्होंने कहा, “श्री राम हमारे जैसे कोटि कोटि भक्तों के भगवान हैं और हम उनकी पूजा करते हैं। जो भगवान को नहीं मानते हैं, उनके भी पूर्वज भगवान श्री राम हैं। इसलिए प्रदेश वासी, देश वासी प्राण प्रतिष्ठा का हिस्सा बनेंगे।” उप मुख्यमंत्री ने कई विधायकों द्वारा राम मंदिर को लेकर दिए गए विवादित बयानों पर कहा, “भगवान राम लला की जन्मभूमि पर बन रहा मंदिर कोई भाजपा का मंदिर नहीं है, बल्कि हर राम भक्त, हर राष्ट्र भक्त का मंदिर है। गुलामी की निशानी के रूप में खड़ा ढांचा हट गया। हमें विरासत पर गर्व करना चाहिए कि जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर बन गया। अब लोग 22 जनवरी को दीपावली मनाएं।”
संविधान, शांति और व्यवस्था बचाने के लिए गोलियां चलवाई
प्रदेश के कासगंज में बुधवार को सपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अयोध्या में 1990 में कारसेवकों पर तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार द्वारा गोली चलवाने को यह कहते हुए जायज ठहराया कि तत्कालीन सरकार ने संविधान की रक्षा के लिए यह किया था। श्रीरामचरित मानस और हिंदू धर्म को लेकर हाल में विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर सुर्खियों में रहे सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य 'बौद्ध एकता समिति गंजडुंडवारा' के तत्वावधान में आयोजित 'बौद्ध जनजागरण सम्मेलन' में भाग लेने के लिए कासगंज में थे। मौर्य ने संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा, "अयोध्या में कार सेवकों पर गोलीबारी तत्कालीन सरकार द्वारा संविधान की रक्षा के अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए की गई थी।" उन्होंने कहा, "उस समय बड़ी संख्या में अराजक तत्वों ने तोड़फोड़ की थी और तत्कालीन सरकार ने संविधान, शांति और व्यवस्था बचाने के लिए गोलियां चलवाई थीं। यह सरकार का कर्तव्य था और उसने ऐसा किया भी।''
मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार ने 30 अक्टूबर 1990 को राम भक्तों पर गोली चलाने का आदेश दिया था। उस घटना में पांच कारसेवकों की मौत हुई थी। इस गोलीबारी को जायज ठहराने वाला मौर्य का बयान उस वक्त आया जब अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। विपक्ष द्वारा नरेन्द्र मोदी सरकार पर राम मंदिर के अभिषेक समारोह का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाने के सवाल पर सपा नेता ने कहा, "हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन भाजपा लाभ लेने के लिए इसका राजनीतिकरण कर रही है, जबकि पूरा देश जानता है कि मंदिर का निर्माण उच्चतम न्यायालय के आदेश पर हो रहा है।" (इनपुट-भाषा)