अयोध्या में मासूम बच्ची संग हुए गैंगरेप मामले पर योगी आदित्यनाथ सरकार एक्शन मोड में है। दुष्कर्म के आरोपी और समाजावादी पार्टी के भदरसा नगर अध्यक्ष मोईद खान की बेकरी पर प्रशासन का बुलडोजर चला। इसे लेकर अब राजनीति तेज हो गई है। वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इसे लेकर सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक मांग की है। उन्होंने लिखा, "कुकृत्य के मामले में जिन पर भी आरोप लगा है उनका DNA TEST कराकर इंसाफ़ का रास्ता निकाला जाए न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए। जो भी दोषी हो उसे क़ानून के हिसाब से पूरी सज़ा दी जाए, लेकिन अगर DNA TEST के बाद आरोप झूठे साबित हों तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए। यही न्याय की मांग है।"
अखिलेश यादव के बयान पर क्या बोले जयवीर सिंह
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के ट्वीट पर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, "पूरा प्रदेश जानता है कि समाजवादी पार्टी का इतिहास ऐसा ही रहा है कि समाजवादी पार्टी के लोग अपराधियों को संरक्षण देने का काम कर करते रहे हैं। लेकिन अखिलेश यादव से अपेक्षा थी कि वे ऐसे अपराध करने वाले लोगों को संरक्षण देने के बजाय पार्टी से निकाल कर अपनी और से कार्रवाई करने का काम करेंगे। अखिलेश यादव जब सत्ता में थे तब उन्होंने कितने अपराधियों का डीएनए टेस्ट करवाया और फिर कार्रवाई की। अपराधी चाहे किसी भी दल का हो, अपराधी होता है। यह अपराध जिसने भी किया है, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। कानून अपना काम करेगा।"
मायावती ने अखिलेश पर साधा निशाना
बता दें कि अखिलेश यादव के बयान पर बसपा प्रमुख मायावती ने भी आपत्ति दर्ज कराई। एक्स पर उन्होंने लिखा, "यूपी सरकार द्वारा अयोध्या गैंगरेप केस में आरोपी के विरुद्ध की जा रही सख्त कार्रवाई उचित, लेकिन सपा द्वारा यह कहना कि आरोपी का DNA टेस्ट होना चाहिये, इसे क्या समझा जाए। जबकि सपा को यह भी बताना चाहिए कि उनकी सरकार में ऐसे आरोपियों के खिलाफ कितने DNA टेस्ट हुए हैं।" "साथ ही, यूपी में अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था में भी ख़ासकर महिला सुरक्षा व उत्पीड़न आदि को लेकर बढ़ती चिन्ताओं के बीच अयोध्या व लखनऊ आदि की घटनाएं अति-दुखद व चिन्तित करने वाली। सरकार इनके निवारण के लिए जाति-बिरादरी एवं राजनीति से ऊपर उठकर सख़्त कदम उठाए तो बेहतर।"