संसद के मॉनसून सत्र में मणिपुर की घटना को लेकर पिछले कई दिनों से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है। मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष लगातार पीएम मोदी से दोनों सदनों में जवाब की मांग कर रहा है। इस बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
"अगर सरकार जागरूक होती तो..."
अखिलेश यादव ने कहा, "मणिपुर में जो कुछ भी हो रहा है वह सरकार कर रही है। अगर सरकार इसे लेकर जागरूक होती, तो घटनाएं कम होतीं। इसलिए प्रधानमंत्री और बीजेपी लोकसभा का सामना नहीं कर सकते। जब प्रधानमंत्री ने संसद की सीढ़ियों पर माथा टेका, तो लोगों को लगा कि लोकतंत्र मजबूत होगा, लेकिन वही सरकार आज लोकसभा का सामना नहीं कर सकती।"मणिपुर का दौरा करेगा सांसदों का प्रतिनिधिमंडल
वहीं, विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (INDIA) के घटक दलों के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर दौरे पर जाएगा। 29 और 30 जुलाई को ये प्रतिनिधिमंडल हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करेगा। इंडिया के घटक दलों के नेताओं ने कहा कि विपक्षी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर जाकर पहले जमीनी स्थिति का आकलन करेगा और इस हिंसा प्रभावित राज्य में समस्याओं के समाधान को लेकर सरकार और संसद को अपनी अनुशंसा भी देगा।
प्रतिनिधिमंडल में इन नेताओं का नाम शामिल
इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और गौरव गोगोई, तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी, द्रमुक की कनिमोई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वंदना चव्हाण, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन और वीसीके पार्टी के टी थिरुमावलवन के होने की संभावना है।