समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि भाजपा शासन के दौरान मुठभेड़ों के आंकड़े अवैध हत्याओं और पीडीए के खिलाफ किये गये अन्याय के भी आंकड़े हैं। सुलतानपुर जिले में सर्राफ़ा कारोबारी के यहां हाल में हुई लूट और एक लाख के इनामी आरोपी मंगेश यादव के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने और उसके बाद मचे सियासी घमासान के बीच अखिलेश यादव ने यह टिप्पणी की है। पूर्व मुख्यमंत्री ने "फर्जी मुठभेड़" के कुछ आंकड़े भी साझा किए, जिसमें दावा किया गया कि पुलिस के साथ गोलीबारी में मारे गए 60 प्रतिशत लोग पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) समुदाय के थे।
अखिलेश यादव का बयान
अखिलेश ने मंगलवार शाम 'एक्स' पर अपने एक पोस्ट में आंकड़ों की एक सूची (चार्ट) साझा की और कहा, “भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज में एनकाउंटर का आंकड़ा गैर क़ानूनी हत्याओं की नाइंसाफी का भी आंकड़ा है और साथ ही पीडीए के विरूद्ध हुए अन्याय का भी।” सपा अध्यक्ष ने "फर्जी मुठभेड़ों" में मारे गए आरोपियों के आंकड़ों पर जो सूची (चार्ट) साझा की, उसमें यह दर्शाया गया है कि मारे गए लोगों में से 125 (60 प्रतिशत) पीडीए के हैं। यद्यपि, चार्ट में जानकारी का कोई स्रोत नहीं बताया गया है।
मंगेश यादव एनकाउंटर पर मचा था बवाल
बता दें कि बीते दिनों यूपी के सुल्तानपुर में एक व्यापारी संग हुई लूट की घटना के बाद यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीम ने एक एनकाउंटर किया था। इस एनकाउंटर में मंगेश यादव नाम के शख्स को गोली लगी, जिसे लेकर अखिलेश यादव ने यूपी सरकार और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे। अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी सरकार ने फर्जी मुठभेड़ किया है और मंगेश यादव को सटाकर गोली मारी गई है। अखिलेश यादव ने कहा कि मंगेश यादव के नाम और जाति को देखकर उसे गोली मारी गई है। हालांकि अब इस मामले की जांच शुरू हो चुकी है।
(इनपुट-भाषा)