अतीक अहमद और अशरफ की ऑन कैमरा हत्या को लेकर सियासी फायरिंग भी शुरू हो गई है। अब AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार को जमकर घेरा है। ओवैसी ने कहा कि यूपी में 2017 से बीजेपी रूल ऑफ लॉ से नहीं रूल ऑफ गन से सरकार चला रही है। उन्होंने कहा कि हमने आंकड़े रखे थे कि कैसे एनकाउंटर बढ़ रहे हैं। जिस दरिंदगी और बेदर्दी से मारा गया इससे न सिर्फ मुसलमान बल्कि हर वो नागरिक जो संविधान पर विश्वास रखता है, वो सभी कमज़ोर और गैर महफूज़ महसूस कर रहा है। ओवैसी ने कहा कि जो सत्ता में बैठे हैं उनमें इंसानियत नहीं है। इस घटना की निंदा करने के लिए शब्द नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट बनाए जांच कमेटी
ओवैसी ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक कमेटी बननी चाहिए। मैं सुप्रीम कोर्ट से गुज़ारिश करता हूं कि वह इसका स्वत: संज्ञान ले और इस पर एक समय सीमा में जांच होनी चाहिए। इस कमेटी में उत्तर प्रदेश का कोई भी अधिकारी न हो क्योंकि उनकी मौजूदगी में यह हत्या हुई है।
"उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस्तीफा दें"
ओवैसी ने आगे कहा कि आप गोली मारकर धार्मिक नारा क्यों लगा रहे हैं? इनको आतंकवादी नहीं कहेंगे तो देश भक्त कहेंगे? क्या यह (भाजपा) फूल का हार पहनाएंगे? जो लोग एनकाउंटर का जश्न मना रहे थे, शर्म से डूब मरो तुम लोग। कल जो हत्या हुई है उसकी ज़िम्मेदारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की है। अगर उनमें संवैधानिक नैतिकता ज़िंदा है तो उनको अपने पद को छोड़ना पड़ेगा। हम मांग करते है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस्तीफा दें। संविधान के मुताबिक उन सब पुलिस वालों को उनकी सर्विस से निकालना चाहिए। आर्टिकल 311 के तहत सभी अफसरों को टर्मिनेट किया जाना चाहिए।
"प्रधानमंत्री कुछ बोलेंगे या नहीं?"
AIMIM चीफ ने कहा कि हम देश के प्रधानमंत्री से पूछना चाहेंगे कि आप कुछ बोलेंगे या नहीं? प्रधानमंत्री भाषण में बोलते हैं कि 'मेरी सुपारी ली गई है' अब बताइए की जहां से आप सांसद हैं उस प्रदेश में क्या हो रहा है। भारत का हर नागरिक कल की घटना के बाद गैर-महफूज और कमज़ोर समझ रहा है।
"अतीक के नाबालिग बच्चों को शव देखने का मौका मिले"
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जुविनाइल में उनके (अतीक) दो बच्चे हैं उनको उनके पिता का शव देखने का मौका मिले। उन्हें अंतिम संस्कार में शामिल होने दीजिए। स्टेट कस्टडी में जब ये लोग थे तो कैसे वो इतने करीब जा कर कैसे मार पाया, कोल्ड ब्लोडेड मर्डर है ये। पुलिस ने एक गोली भी नहीं चलाई? हत्या तो सेकेंड में होती है, पुलिस को इसी पर रिएक्ट करने की ट्रेनिंग दी जाती है।
"इसलिए मैं उन्हें मुस्लिम सांसद कह रहा"
ओवौसी ने कहा कि अतीक मुस्लिम नहीं थे क्या? अपराधी का धर्म नहीं होता तो कमज़ोर और बुज़दिल लोग गोडसे का फोटो लेकर नाच रहे थे, जैसे उनके बाप की फ़ोटो थी। इसलिए मैं उन्हें मुस्लिम सांसद कह रहा हूं। देश के लिए किसी भी समुदाय का रेडिकलाइजेशन अच्छा नहीं है। मैं डर कर, घुट-घुट कर ज़िंदगी नहीं गुज़ार सकता, मैं यूपी जाऊंगा। मगर बहुत नुकसान हो रहा है देश का, इन आरोपियों का भी एनकाउंटर नहीं होना चाहिए। उनके पीछे कौन है, ये पता चलना चाहिए।
"मैं मरने के लिए तैयार हूं..."
तनाव हिन्दू मुस्लिम में नहीं बल्कि उन लोगों में है जो कोर्ट पर भरोसा करते हैं। अगर पाक कनेक्शन था, तो एक और केस चलाना था ना। पाक से आये आतंकी को कोर्ट ने इंसाफ दिया। ठोक दो की राजनीति नहीं चलेगी। अगर आपको हालात पर काबू करने हैं तो हिंसा और धर्म की राजनीति को थूक दो पर काम करना चहिये। हमेशा के लिए एनकाउंटर खत्म होना चाहिए। कभी ट्राइबल्स को नक्सल कहते हैं, कभी मुस्लिम को देशद्रोही कहते हैं। ओवैसी ने कहा कि मैं मरने के लिए तैयार हूं... कट्टरवाद को रोकने की जरूरत है। मैं उत्तर प्रदेश का दौरा जरूर करूंगा, मैं डरा हुआ नहीं हूं। "जब प्यार किया तो डरना क्या।"
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