Tuesday, September 24, 2024
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तिरुपति के बाद यूपी के मथुरा में भी हड़कंप, 15 दुकानों से 43 नमूने लिए गए, संदिग्ध पेड़े जांच के लिए भेजे

तिरुपति के प्रसाद में मिलावट का मामला सामने आने के बाद यूपी के मथुरा में प्रशासन चौंकन्ना हो गया है। यहां की 15 दुकानों से 43 नमूने लिए गए हैं और संदिग्ध पेड़े जांच के लिए भेजे गए हैं।

Edited By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published on: September 24, 2024 7:49 IST
Mathura- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE PIC यूपी के मथुरा में संदिग्ध पेड़े जांच के लिए भेजे गए

मथुरा: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट का मामला सामने आने के बाद यूपी के मथुरा में भी हलचल तेज हो गई है। मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण (ठाकुर जी) पर चढ़ाए जाने वाले भोग-प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर चिंतित सरकार के आदेश पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने सोमवार को अभियान की शुरुआत करते हुए मथुरा और वृन्दावन के धर्मस्थलों के निकट एवं अन्य स्थानों पर मिठाई की 15 दुकानों के खाद्य पदार्थों के 43 नमूने एकत्र किए। 

उनमें से पेड़े के एक नमूने में मिलावटी सामग्री का इस्तेमाल किए जाने की आशंका पर विस्तृत जांच के लिए उसे लखनऊ स्थित राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दिया गया है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सोमवार को मथुरा व वृन्दावन के अनेक स्थानों पर चलाए गए सैंपलिंग अभियान में कुल 15 विक्रेताओं के यहां से कुल 43 नमूने एकत्र किए गए। जिनमें दूध से बनी मिठाईयां व अन्य पदार्थ, पनीर, पेड़ा, बर्फी, मिल्क केक, रसगुल्ला, इमरती, सोनपापड़ी, अन्य मिठाईयां तथा मसाले आदि शामिल हैं। 

जांच के लिए भेजे गए पेड़े

उन्होंने बताया कि मथुरा में आज भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान के सामने स्थित बाजार की दुकानों व नए बस स्टैंड के आसपास की दुकानों तथा वृन्दावन में बांकेबिहारी मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर विद्यापीठ चौराहे के आसपास की दुकानों से नमूने लिए गए और मोबाइल लैबोरेटरी के माध्यम से हाथों-हाथ उनकी जांच की गयी। उन्होंने बताया कि उनमें से 42 नमूने तो मानक के अनुरूप पाए गए, परंतु पेड़े के एक नमूने के मानकों पर संदेह होने पर उसे अग्रिम जांच हेतु लखनऊ स्थित उच्च क्षमता वाली राज्य सरकार की प्रयोगशाला में भेजा गया है।

एक सवाल के जवाब में सिंह ने बताया कि रविवार व सोमवार को एकत्र किए गए सभी नमूनों को मंदिरों से न लेकर उनके आसपास की दुकानों से ही एकत्र किए हैं। उन्होंने बताया कि चूंकि धर्मस्थलों द्वारा धार्मिक कार्यों में प्रयुक्त होने वाली प्रसाद की सामग्री के नमूने सीधे नहीं लिए जाते हैं, उन्हें इस मामले में कानूनन छूट रहती है। 

वैसे भी मथुरा के कमोबेश सभी धार्मिक स्थलों की प्रबंधन संस्थाओं ने पहले से ही भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसआई) से प्रमाण पत्र ले रखे हैं। इसके लिए उन्हें हर छह माह पर स्वत: ही एफएसएसआई से जांच करानी होती है। उन्होंने बताया कि मथुरा में यह कार्रवाई किसी शिकायत के आधार पर नहीं, बल्कि आगामी दिनों में त्योहारों के अवसर पर खपत होने वाले प्रसाद एवं अन्य खाद्य पदार्थों के अत्यधिक उपयोग की संभावना के मद्देनजर की जा रही है। (इनपुट: भाषा)

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