प्रयागराज से एक अनोखा मामला सामने आया है। एक चोर ने मंदिर से राधा कृष्ण की मूर्ति को चुरा लिया। चोर ने जिस मूर्ति को चुराया वो अष्ट धातु की मुर्ति थी। मूर्ति को चुराने के बाद उसके साथ कुछ ऐसी घटनाएं घटने लगी जिसके बाद उसे अपने किए पर पछतावा होने लगा। चोर को पछतावा होने के बाद उसने मूर्ति को मंदिर से कुछ दूरी पर हाईवे के किनारे रख दिया। इतना ही नहीं उसने एक चिट्ठी भी लिखी जिसमें उसने अपने किए और फिर उसके साथ घटित घटनाओं का जिक्र करते हुए माफी भी मांगी। आइए आपको बताते हैं कि उस चिट्ठी में उसने क्या लिखा है।
चोरी के बाद चोर को हुआ पछतावा
मंदिर से मूर्ति की चोरी करने के बाद चोर ने उसे वापस कर दिया और चिट्ठी लिखकर माफी मांगी। चोर ने उस चिट्टी में लिखा, 'महाराज जी प्रणाम, मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई थी। अज्ञानता वश मैंने राधा कृष्ण की मूर्ति को गऊ घाट से चुरा लिया था। तब से बुरे-बुरे सपने आ रहे हैं और मेरे बेटे की तबियत भी खराब हो गई है। कुछ पैसे के लिए मैंने बहुत गंदा काम किया है। मैंने मूर्ति को बेचने के लिए उसमें काफी छेड़छाड़ किया है। मैं अपनी गलती की माफी मांगते हुए मूर्ति को रखकर जा रहा हूं। आपसे विनती है की मुझे माफ करते हुए भगवान को फिर से मंदिर में रखवा दिया जाए। पहचान छिपाने के लिए उसका आकार बदल गया है। महाराज जी हमारे बाल-बच्चों को क्षमा करते हुए अपनी मूर्ति स्वीकार करें।
यहां देखें चोर की चिट्ठी
हाईवे किनारे मिली राधा-कृष्ण की मूर्ति
लोगों ने हाईवे किनारे मूर्ति और चिट्ठी को देखा जिसके बाद वहां काफी भीड़ लग गई। इसके बाद लोगों ने मंदिर के पुजारी को बुलाया और उन्हें राधा कृष्ण की मूर्ति को सौंप दिया। पुजारी ने राधा कृष्ण की मूर्ति को मंदिर में स्थापित कर दिया है।
पुलिस को है चोर की तलाश
आपको यह भी बता दें कि मंदिर से मूर्ति चोरी होने के बाद इसकी शिकायत नवाब गंज पुलिस से की गई थी। पुलिस ने काफी कोशिश की मगर वो मूर्ति या फिर चोर को पकड़ नहीं पाए। लेकिन अब ऐसा नहीं है कि चोर ने मूर्ति वापस कर दी है तो पुलिस ने उसकी तलाश छोड़ दी। पुलिस चिट्ठी और मूर्ति मिलने वाली जगह के आस-पास लगे CCTV कैमरे की फुटेज के जरिए उसकी तलाश कर रही है।
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