उत्तर प्रदेश में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के अभियान 'आहट' के तहत बृहस्पतिवार को ट्रेन संख्या 12487 से प्रयागराज जंक्शन पर 93 नाबालिग बच्चों को उतारा गया और इन बच्चों को ले जा रहे नौ व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया। रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। प्रयागराज जंक्शन पर तैनात रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) के निरीक्षक शिव कुमार ने बताया कि ट्रेन से उतारने के बाद इन बच्चों को बाल कल्याण समिति में पेश किया गया, जहां उनकी देखरेख और काउंसलिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि इन बच्चों को ले जा रहे लोगों के पास इन बच्चों को ले जाना का कोई वैध प्रमाण पत्र नहीं मिला और ना ही इन बच्चों के साथ इनके माता पिता या परिवार का कोई सदस्य साथ में था।
अधिकारी ने बताया कि ये बच्चे बिहार के अररिया के रहने वाले हैं और इनमें से कुछ बच्चों को दिल्ली, कुछ को राजस्थान के नागौर जिला और कुछ को देहरादून ले जाया जा रहा था। उन्होंने बताया कि ये सभी बच्चे मुस्लिम समुदाय से हैं और इनकी उम्र नौ साल से लेकर 12-13 साल की है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अखिलेश मिश्रा ने बताया कि इन बच्चों को गलत तरीके से ले जाया जा रहा था। हालांकि काउंसलिंग की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि इन बच्चों को विभिन्न मदरसों में ले जाया जा रहा था। मिश्रा ने बताया कि इन बच्चों को ले जा रहे लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की गई है।
59 बच्चों की तस्करी के आरोप में फंसे थे चार मौलाना
पिछले साल जून के महीने में अररिया के ही 59 बच्चों को मुक्त कराया गया था। इन बच्चों के महाराष्ट्र के मनमाड रेलवे स्टेशन पर मुक्त कराया गया था और इस मामले में चार मौलाना गिरफ्तार हुए थे। उन्हें बाद में जमानत मिल गई थी। अब फिर से ऐसा ही मामला सामने आया है।
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