Monday, December 02, 2024
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55 युवाओं को मिली महाकुंभ 2025 में इंटर्नशिप, जानें कितने पैसे मिलेंगे, क्या काम करना होगा

जिन 55 लोगों को महाकुंभ फेलो के रूप में चुना गया है, उन्हें छह महीने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। इन लोगों को हर महीने 40 हजार रुपये दिए जाएंगे।

Edited By: Shakti Singh
Published : Dec 02, 2024 18:55 IST, Updated : Dec 02, 2024 18:55 IST
Maha kUmbh 2025- India TV Hindi
Image Source : PTI महाकुंभ 2025

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले महीने महाकुंभ 2025 की शुरुआत होनी है। इस मेले में व्यवस्था बनाए रखने के लिए 55 छात्रों को चुना गया है। ये 55 फेलो मेले के दौरान प्रबंधन, स्ट्रक्चर, डिजाइनिंग और मैपिंग का काम करेंगे। इन फेलो को छह महीने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। इस दौरान उन्हें हर महीने 40 हजार रुपये दिए जाएंगे। इनमें से 30 हजार रुपये उनका पारिश्रमिक होगा, जबकि 10 हजार रुपये हाउस रेंट अलाउंस होगा।

इस फेलोशिप के लिए सिर्फ उन्हीं कॉलेज के छात्रों को चुना गया है, जिनकी एनआईआरएफ रैंकिंग 200 के अंदर है। इसके साथ ही जिन लोगों के पास ग्रेजुएशन की डिग्री है, उनके लिए 2 साल काम करने का अनुभव होना जरूरी था। वहीं, जिन लोगों के पास पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री है, उनके लिए कम से कम एक साल का अनुभव होना जरूरी था। इस फेलोशिप में सिर्फ 22 से 27 साल के छात्रों को चुना गया है।

कैसे हुआ चयन?

कुंभ फेलो के रूप में जिन लोगों को चुना गया है, उन्हें पहले एक परीक्षा पास करनी पड़ी, जिसमें 100 नंबर के सवाल पूछे गए थे। इसके बाद इंटरव्यू में चयन होने पर उन्हें फेलोशिप मिली है। 55 फेलो को चुनने की जिम्मेदारी मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान को दी गई थी। 55 फेलो के साथ वेटिंग में भी छात्रों को चुना गया है। अगर कोई फेलो महाकुंभ में काम करने के लिए तैयार नहीं होता है तो कैटेगरी के हिसाब से वेटिंग लिस्ट वाले छात्रों को मौका दिया जाएगा।

क्या होगा काम?

महाकुंभ मेले के स्थान को 25 सेक्टर में बांटा गया है। हर सेक्टर में दो फेलो तैनात रहेंगे। वह मेले के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए मेला विकास प्राधिकरण को समन्वय, प्रबंधन और निगरानी में सहायता प्रदान करेंगे। इसके साथ ही उन्हें डेटा कलेक्शन, मैनेजमेंट और एनालिसिस के साथ फैसले लेने में भी मदद करनी होगी। मेले के दौरान साफ-सफाई और श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था का ध्यान भी इन्हीं फेलो को रखना होगा। मेला प्रांगण में जो भी निर्माण होंगे, उनके लिए डिजाइन बनाना प्लानिंग करना और काम को पूरा कराने की जिम्मेदारी भी हर सेक्टर के फेलो पर होगी। मेले के दौरान जो परेशानी आएंगी, उनको दूर करना और जमीनी स्तर पर काम कर रहे लोगों को मोटिवेट करने की भी जिम्मेदारी होगी। ये लोग डीएम-एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों के साथ संपर्क करेंगे। उन्हें व्यवस्थाओं और चुनौतियों के बारे में अपडेट देंगे।

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