उत्तर प्रदेश में अवैद्य मदरसों पर बड़े लेवल पर कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है। एसआईटी की ओर से यूपी शासन को राज्य में संचालित हो रहे अवैध मदरसों से जुड़ी जांच रिपोर्ट सौप दी गई है। माना जा रहा है कि यूपी सरकार जल्दी ही इन अवैद्य मदरसों पर कार्रवाई कर सकती है। आपको बता दें कि एसआईटी ने ऐसे 13 हजार अवैद्य मदरसों को बंद करने की सिफारिश की है। आइए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला।
हवाला से पैसे लेने का शक
एसआईटी की ओर से की गई जांच में आशंका जताई गई है कि हवाला के जरिए मिली रकम से मदरसों का निर्माण हुआ है। ज्यादातर मदरसे अपने हिसाब-किताब का ब्यौरा नहीं दे पाए। एसआईटी रिपोर्ट के अनुसार, संचालकों ने चंदे से मदरसे निर्माण की बात बताई। खाड़ी देशों से भी भारी मात्रा में चंदा मिलने की बात बताई गई है। हालांकि, ज्यादातर मदरसा संचालक चंदा देने वालों का नाम-पता भी नहीं बता पाए।
नेपाल सीमा से जुड़े शहरों में मदरसे
एसआईटी ने जिन 13 हजार अवैद्य मदरसों को बंद करने की सिफारिश की है वे नेपाल सीमा से जुड़े शहरों में संचालित हो रहे हैं। एसआईटी के मुताबिक, ज्यादातर मदरसे अपने हिसाब-किताब का ब्यौरा नहीं दे पाए हैं। ऐसे अवैध मदरसों से शिक्षा प्राप्त करने वालों को नौकरी भी नहीं मिल पाती है। इन्हीं कारणों से इनपर कार्रवाई की बात कही जा रही है।
100 करोड़ रुपए की फंडिंग का खुलासा
जानकारी के मुताबिक, बीते 25 सालों में बहराइच, श्रावस्ती ,महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर जैसे जिलों में तेजी से बने हैं ऐसे मदरसे। नेपाल सीमा से लगे शहरों के 80 मदरसों को विदेशों से करीब 100 करोड़ रुपए की फंडिंग की बात भी सामने आई थी। इस जानकारी के बाद ही एसआईटी जांच के आदेश दिए गए थे।
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